सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को अब मनपा के उपनगरीय अस्पतालों में करना होगा तीन महीने काम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के निर्णय के अनुसार, देश के सभी रेजिडेंट डॉक्टर जो एमडी, एमएस जैसे स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें तीन महीने के लिए जिला अस्पतालों में काम करना अनिवार्य कर दिया गया है। जिला अस्पतालों में रहने की व्यवस्था और अन्य कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए मुंबई में मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों को अब मनपा के उपनगरीय अस्पतालों में तीन महीने तक अपनी सेवा देनी होगी।
जे.जे. अस्पताल प्रशासन करेगा नियुक्त
वर्ष 2021 के बाद के बैच के सभी विद्यार्थियों को तीन महीने तक जिला अस्पतालों में काम करना अनिवार्य किया गया है। जो रेजिडेंट डॉक्टर अपने स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के तीसरे, चौथे और पांचवें सत्र में हैं, वे बारी-बारी से यह सेवा प्रदान करेंगे। नियम के तहत मुंबई की सीमा के भीतर सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को नियुक्त करने की जिम्मेदारी जे.जे. अस्पताल प्रशासन की होगी। इसके तहत पिछले दिनों जे.जे. अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले ने सभी मेडिकल कॉलेजों की डीन की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। इस बैठक के दौरान ही इन मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों की क्रमबद्ध नियुक्ति विभिन्न अस्पतालों में तय की गई। इसके अनुसार जे.जे. केईएम, नायर, कूपर, सायन अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों को आगामी सप्ताह से विभिन्न उपनगरीय अस्पतालों में अपनी सेवा तीन महीनों के लिए देनी होंगी।
डॉ. पल्लवी सापले, डीन, जे. जे. अस्पताल ने बताया कि आयोग का यह निर्णय सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए अनिवार्य है। इसे सही तरीके से लागू किया जा रहा है। मुंबई के सभी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों को उपनगरीय अस्पतालों में नियुक्त किया गया है, ताकि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
डॉ. विद्या ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मनपा उपनगरीय अस्पताल ने बताया कि हर कॉलेज से 40 से 50 रेजिडेंट डॉक्टर उपनगरीय अस्पतालों में नियुक्त किए गए हैं। इन डॉक्टरों की नियुक्ति मनपा के उपनगरीय अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से की जाएगी।
Created On :   7 May 2023 8:46 PM IST