Amravati News: कारागार में कैदियों के बीच झड़प, 9 पर मामला दर्ज

कारागार में कैदियों के बीच झड़प, 9 पर मामला दर्ज
  • बैरेक नंबर 13 में जमकर विवाद
  • गंभीर अपराधों के मामलों में बंद हैं

Amravati News अमरावती मध्यवर्ती कारागार में कैदियों के बीच झड़प की और एक घटना सामने आयी है। 9 नवंबर की रात 8.38 बजे बैरेक नंबर 13 में एमसीआर के 9 कैदियों ने आपस में मारपीट कर जमकर हंगामा किया। घटना के दौरान बैरेक में मौजूद सामग्री इधर-उधर फेंकी। कारागार अधिकारियों और कर्मचारियों ने तुरंत बैरेक में पहुंचकर स्थिति पर काबू पाया। इस संबंध में कारागार की ओर से कर्मी श्रीकृष्ण लांजेवार की शिकायत पर फ्रेज़रपुरा थाने में 9 कैदियों के खिलाफ अपराध दर्ज िकया गया है।

नामजद आरोपी कैदियों के नाम तौसीफुद्दीन फेजुद्दीन क़ाज़ी (कैदी क्र. 1444/25), सैय्यद अबुजर मस्तान (2420/25), अरबाज शेख मुजीब (2057/25), शेख शेरजील राज शेख इरफान (2059/25), समीर शहा नजीर शहा (579/25), वैभव प्रभाकर सोननकर (252/25), पवन प्रभाकर सोननकर (254/25), पवन बाजीराव वालके (235/25), और रोशन कय्युम शेख (1628/25) है। जानकारी के अनुसार, ये सभी कैदि महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के अलग-अलग थानों में दर्ज गंभीर अपराधों के मामलों में जेल में बंद हैं।

बैरेक में कुछ कैदियों के बीच क्यों घूरकर देखा, इस मामूली बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो देखते ही देखते बड़े विवाद में बदल गया। ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी श्रीकृष्ण लांजेवार, अनिल फुफरे, अक्षय गायकवाड़ और आशीष घोडेस्वार ने बैरेक में पहुंचकर कैदियों को तितर-बितर कर स्थिति नियंत्रित की। गौरतलब है कि अमरावती कारागार में पिछले कुछ महीनों में कैदियों के बीच झगड़े, गांजा व नशीले पदार्थ मिलना और कुछ दिन पहले अंडा सेल में पांच मोबाइल बरामद होने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। फ्रेज़रपुरा पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।

जिलाधीश ने जेल अधीक्षक से तलब की रिपोर्ट : अमरावती मध्यवर्ती कारागार की अंडा सेल में 5 अक्टूबर को कैदियों के पास मोबाइल फोन मिलने के सनसनीखेज मामले में जांच की रफ्तार बेहद धीमी पड़ गई है। घटना को एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक न तो किसी अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका स्पष्ट हुई है और न ही किसी पर कार्रवाई की गई है। इसी पृष्ठभूमि में जिलाधीश आशीष येरेकर ने 9 नवंबर को कारागार अधीक्षक को पत्र भेजकर पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, शहर अपराध शाखा ने इस प्रकरण में संबंधित कैदियों के बयान दर्ज कर लिए हैं। जब्त किए गए पांच मोबाइल फोन के सीडीआर और एसडीआर भी हासिल कर लिए गए हैं। मामले में कुछ कैदियों के परिजनों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजे गए थे, लेकिन वे अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं। अब तक की जांच में अपराध शाखा को कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है, जिससे जांच की गति और भी सुस्त हो गई है।

इसी मामले की स्वतंत्र जांच के लिए नागपुर जेल डीआईजी द्वारा गठित समिति ने भी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कारागार के तीन अधिकारियों और पांच कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध होने की ओर संकेत किया था। इसके बावजूद संबंधित रिपोर्ट पर अब तक कोई आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी है, जिससे मामले को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।

Created On :   11 Nov 2025 2:24 PM IST

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