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Bhandara News: अब आय बढ़ाने जिला परिषद की जगह पर होगा इमारतों का निर्माण

Bhandara News जिला परिषद की सर्वसाधारण सभा में सभी पदाधिकारी तथा जि. प. सदस्यों ने मिलकर शालाओं में रिक्त शिक्षकों के पद का मुद्दा रखा। इस दौरान शिक्षकों की नियुक्ति कर विद्यार्थियों के शिक्षा का नुकसान रोकने का फैसला लिया गया। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग ने 15 लाख तथा स्वास्थ्य विभाग के सभापति आनंद मलेवार ने 10 लाख रुपए निधि का प्रावधान किया।
इसी तरह से जिला परिषद की आय बढ़ाने के लिए भविष्य में बीओटी पध्दति के बजाय विभाग स्वयं ही इमारतों का निर्माण कर किराए से देने सहित अलग-अलग मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। वित्त व स्वास्थ्य सभापति आनंद मलेवार ने वर्ष 2025-26 का प्रथम सुधारित अंदाजपत्रक (बजट) रखा। इस समय जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती कविता उईके, उपाध्यक्ष एकनाथ फेंडेर, शिक्षा व निर्माण सभापति नरेश ईश्वरकर, महिला व बाल कल्याण सभापति शीतल राऊत, सभी सदस्य, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंदकुमार सालवे उपस्थित थे। राजस्व से प्राप्त 8 करोड़ 59 लाख तीस हजार तथा पहले के बकाया 12 करोड़ 57 लाख 70 हजार ऐसे कुल 21 करोड़ 57 लाख के अंदाजपत्रक रखे गए।
गुटनेता विनोद बांते, अविनाश ब्राम्हणकर, नरेश ईश्वरकर ने जिला परिषद शालाओं के शिक्षकों के रिक्त पद का मुद्दा रखा। साथ ही यह पद भरने के लिए कोई उपाय करने की मांग रखी। इन मुद्दों को जिला परिषद के सभी सदस्यों ने एकसाथ समर्थन दिया। जिसके बाद शालाओं में अस्थायी शिक्षकों की मानधन पध्दति से नियुक्ति का फैसला लिया। शिक्षकों की नियुक्ति व मानधन के लिए दो विभागों ने 25 लाख रुपयों का प्रावधान किया है। इसी के साथ जिले के शालाओं, आंगनवाड़ी के प्रस्ताव रखे गए। जिला परिषद की आय बढ़ाने के लिए भविष्य में विभाग स्वयं ही टेंडर निकालकर इमारतों का निर्माण करेगा। यह इमारत किराएं पर देकर आय बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
किस विभाग को कितनी निधि : निर्माण विभाग को 6 करोड़ 35 लाख, शिक्षा विभाग को 2 करोड़ 45 लाख, ग्राम पंचायत विभाग को 32 लाख, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को 90 लाख, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति विभाग को 91 लाख 70 हजार, महिला व बाल कल्याण विभाग को एक करोड़ चार लाख 90 हजार का प्रावधान किया गया।
दोषी अधिकारियों से निधि वसूलकर विकास कार्यों को गति देने की मांग : जिला परिषद सदस्य यशवंत सोनकुसरे ने गणेशपुर में वर्ष 2020-21 तथा 21-22 में हुए दलित बस्ती सुधार योजना के कामों को किए बिना निकाले गए बिल का मुद्दा उठाया। इस प्रकरण में दोषी पाएं गए तत्कालीन शाखा अभियंता एम. एच. निजमे, गुट विकास अधिकारी श्रीमती नूतन सावंत, तत्कालीन विस्तार अधिकारी पी. एम. तिड़के से पांच लाख 53 हजार रुपए वसूलने के आदेश है। इस निधि का उपयोग अपूर्ण काम पूर्ण करने के लिए करने की मांग सोनकुसरे ने रखी।
Created On :   13 Sept 2025 3:24 PM IST