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Bhandara News: बालासाहब ठाकरे का भंडारा जिले में प्रभाव नहीं, पृथ्वीराज चौहान है शौर्य का प्रतीक

- दो सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर उबाठा ने जतायी आपत्ति
- तुमसर के सरकारी आईटीआई के नामकरण को लेकर मचा बवाल
Bhandara News तुमसर के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के नाम को लेकर बहस छिड़ गई है जिससे जिले में एक नया बवंडर उठ खड़ा हुआ है। दरअसल आईटीआई का नाम तय करने दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया था और समिति ने सम्राट पृथ्वीराज चव्हाण के नाम पर मुहर लगा दी। इस पर आपत्ति जताते हुए शिवसेना (उबाठा) ने मुख्यमंत्री से पत्र व्यवहार कर आटीआई को बालासाहब ठाकरे का नाम देने की मांग की। फलस्वरूप समिति से इस मामले की रिपोर्ट मंगवायी गई तो समिति ने रिपोर्ट में जो कारण बताया, उसे लेकर जिले में बवाल मच गया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भंडारा-तुमसर क्षेत्र में बालासाहब ठाकरे का कोई प्रभाव न होने के कारण सम्राट पृथ्वीराज चव्हाण का नाम देने का निर्णय लिया गया है। समिति की इस रिपोर्ट के बाद शिवसेना (उबाठा)में तीव्र रोष व्याप्त हो गया है।
नागपुर स्थित व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्रीय कार्यालय के सह संचालक के. एम. मोटघरे ने तुमसर के प्रभारी प्राचार्य को एक समिति बनाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट में राज्य स्तरीय गैजेट वर्ष की वेबसाइट से ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जांच करने पर बताया गया कि हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का प्रभाव तुमसर तहसील और भंडारा जिले में नहीं पाया गया। इससे शिवसैनिकों में गुस्से की लहर दौड़ गई है। इस संबंध में स्थानीय शिवसेना उबाठा के पदाधिकारियों ने सांसद ओमप्रकाश राजे निंबालकर और विधायक भास्कर जाधव, विधायक गजानन लवटे, विधायक नितिन देशमुख से सीधे संपर्क किया और यह जानकारी दी। उन्होंने एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई। इस पृष्ठभूमि में, धाराशिव सांसद ओमप्रकाश राजे निंबालकर, दर्यापुर विधायक गजानन लवटे, बालापुर विधायक भास्कर जाधव और पूर्व विदर्भ के शिवसेना संपर्क प्रमुख विधायक भास्कर जाधव ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर अपनी मांग रखी है। उन्होंने आईटीआई का नाम बदलने की प्रक्रिया का विरोध किया है। साथ ही शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे के कार्यों का उल्लेख करने वाले नाम देने की मांग की है।
विस्तृत दस्तावेज नहीं दिए : कॉलेज प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार सम्राट पृथ्वीराज चव्हाण के शौर्य और प्रेरणादायी कार्य को स्मरण करने के लिए शासकीय आईटीआई को यह नाम दिया गया। समिति ने शिवसेना से इसके लिए विस्तृत दस्तावेज मांंगे गए, जो उन्होंने नहीं दिए। केवल अखबारों की खबरों के आधार पर नाम बदलना संभव नहीं है। जबकि सम्राट पृथ्वीराज चव्हाण का कार्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक है।
Created On :   17 July 2025 4:04 PM IST