Bhandara News: भंडारा के पशुपालकों को राहत, पशुचारे के लिए 100 हेक्टेयर क्षेत्र करवाएंगे उपलब्ध

भंडारा के पशुपालकों को राहत, पशुचारे के लिए 100 हेक्टेयर क्षेत्र करवाएंगे उपलब्ध
  • तेंदूपत्ता संकलन और महुआ संकलन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी
  • लवादा और मंगरली गांव आते हैं रिजर्व क्षेत्र में

Bhandara News तुमसर तहसील के लवादा और मंगरली यह दो गांव इस रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत आते हैं। ग्रामीणों के तेंदूपत्ता संकलन और महुआ संकलन पर प्रतिबंध लगाए जाने वाला है। इसके लिए मेलघाट के वन विभाग के अधिकारियों ने लवादा और मंगरली के ग्रामीणों से चर्चा की। पशुओं के चारे के लिए 100 हेक्टेयर क्षेत्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

राज्य सरकार ने मोगरकसा - मंगरली संरक्षण आरक्षित क्षेत्र को मंजूरी देकर अधिसूचित किया है। पिछले छह महीने से यहां जंगल सफारी चल रही है। इसमें से नागपुर जिले में 6952.08 हेक्टेयर वन क्षेत्र और भंडारा जिले के जांब कांद्री में 3440.23 हेक्टेयर वन क्षेत्र अधिग्रहित किया गया है। कुल 103 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। तुमसर तहसील के लवादा और मंगरली यह दो गांव इस रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इन गांवों की जनसंख्या लगभग 900 के करीब है। यह दोनों गांव मुख्य रूप से आदिवासी बहुल हैं।

यहां के आदिवासी नागरिकों के पास लगभग 700 से 800 दुधारू मवेशी हैं। आरक्षित क्षेत्र होने से जंगल में तेंदूपत्ता और महुआ के संग्रहण पर प्रतिबंध रहेगा। ऐसे में ग्रामीणों को मवेशी के चारे की समस्या सता रही है। सोमवार को मेलघाट से वन विभाग अधिकारी मंगाली आए और स्थानीय लोगों के साथ बैठक की। संबंधित अधिकारियों ने दोनों गांवों के नागरिकों को 100 हेक्टेयर क्षेत्र में चारा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन नागरिकों ने इस पर संदेह व्यक्त किया।

उपेक्षित रहेगा क्षेत्र : मोगरकसा से पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र 25 किलोमीटर दूर है। तुमसर तहसील के लेंडेझरी, नाकाडोंगरी और जाम कांद्री के जंगलों में विविध प्रजाति के उच्च गुणवत्ता के पेड़ हैं। शोधकर्ताओं के लिए पेड़ - पौधों का अध्ययन करने बड़ी गुंजाइश है। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह क्षेत्र संरक्षण रिजर्व से वंचित है।

जहां गांवों की संख्या कम वहां के आरक्षित क्षेत्र का प्रस्ताव नकारा : गायमुख, बावनथड़ी, लेंडेजारी, जाम कांद्री, नाकाडोंगरी के क्षेत्र को गायमुख - बावनथड़ी संरक्षण आरक्षित क्षेत्र घोषित करने के लिए 2021 - 2022 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन उस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। इस क्षेत्र में गांवों की संख्या कम है। इसलिए इस प्रस्ताव को मंजूरी देने की जरूरत थी। उसके बाद राज्य सरकार ने मोगरकसा - मंगरली के प्रस्ताव को मंजूरी दी।


Created On :   2 May 2025 10:13 AM

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