Bhandara News: भेल की हस्तांतरित जमीन पर किसानों ने बोए थे बीज, कंपनी ने 16 को थमाया नोटिस

भेल की हस्तांतरित जमीन पर किसानों ने बोए थे बीज, कंपनी ने 16 को थमाया नोटिस
  • नोटिस खर्च समेत लगाया 10 हजार का जुर्माना
  • विधायक डॉ. फुके के नेतृत्व में किया था बीजारोपण

Bhandara News गत 11 वर्ष पहले किसानों से भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) कंपनी द्वारा हस्तांतरित की गई जमीन पर किसानों ने फिर से खेती करनी शुरू की। विधायक डॉ. परिणय फुके के नेतृत्व में किसानों ने कंपनी की जमीन पर बीज बोए थे। इस आंदोलन के बाद कंपनी प्रबंधन ने 16 किसानों को नोटिस भेजकर जमीन पर कंपनी का अधिकार होने की बात स्पष्ट की। साथ ही नोटिस खर्च के तौर पर किसानों पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इससे किसानों में नाराजगी व्याप्त है।

विधायक डॉ. परिणय फुके केंद्र और राज्य में सत्ता में मौजूद पार्टी के प्रतिनिधि है। उनके नेतृत्व में किसानों ने मुंडीपार स्थित भेल कंपनी की जमीन पर आंदोलन किया था और बीज बोए थे। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने किसानों को नोटिस भेजा है। नोटिस के माध्यम से किसानों पर कानूनन कार्रवाई का दबाव डाला जा रहा है, लेकिन यह जनप्रतिनिधि की भूमिका का अपमान होने की भावना व्यक्त की जा रही है। इस नोटिस में 16 किसानों के नाम है। जिसमें एडवोकेट मनीष कापगते समेत ग्रामपंचायत ब्रम्ही के सरपंच मुकेश मेनपाले, उपसरपंच हरिभाऊ वारखडे, प्रकल्पग्रस्त शेतकरी संगठन के कोषाध्यक्ष ध्यानेश्वर पडोले, मुंडीपार की सरपंच मनोरमा हुमने, उपसरपंच हरीश लांडगे, प्रकल्पग्रस्त शेतकरी संगठन के अध्यक्ष विजय नवखरे का समावेश हंै। प्रत्येक नोटिस धारक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

भेल कंपनी के महा प्रबंधक विजयकुमार आर्य के निर्देश अनुसार यह कार्रवाई की गई। भेल कंपनी ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल द्वारा साकोली तहसील की मुंडीपार सड़क की ए-1 इस भूखंड की 19 लाख 28 हजार 995 चौरस मीटर जमीन, 58 करोड़ 83 लाख रुपए के प्रीमियम पर संपादित की है। इस जगह पर उद्योग प्रकल्प स्थापित करने के लिए पुर्वनियोजित विकास काम किए गए, लेकिन कोविड 19 महामारी के बाद यह काम रुक गए।

आंदोलन के बाद कंपनी की कार्रवाई : काम रुकने पर किसानों से संपादित की गई जमीन खाली पड़ी है। इसके निषेध में मुंडीपार, बम्हनी व खैरी के किसानों व उनके परिवारों ने 9 जून 2025 को सुबह 8.30 बजे चार ट्रैक्टर के साथ गेट क्रमांक जी-3 तोड़कर अंदर प्रवेश किया था। कंपनी की जगह में फिर से खेती करने की कोशिश की। कंपनी के सुरक्षा रक्षक को धमकाया गया। तीन घंटे तक आंदोलन जारी रहा। जिसके बाद कंपनी ने किसानों को नोटिस भेजा है।

जिलाधिकारी, पुलिस को भेजी नोटिस की कॉपी : किसानों को भेजे गए नोटिस की कापी जिलाधिकारी, उद्योग विभाग,एमआईडीसी और स्थानीय पुलिस को भेजी गई है। कंपनी की इस भूमिका का किसानों द्वारा विरोध किया गया। किसानों ने सवाल उठाया कि रोजगार छीनने के बाद वह कैसे जीवनयापन करेंगे। किसानों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।


Created On :   16 July 2025 2:32 PM IST

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