‌Bhandara News: छह संस्थाओं से वसूले 1 करोड़ 31 लाख, फिर भी मूल राशि नहीं की माफ

छह संस्थाओं से वसूले 1 करोड़ 31 लाख,  फिर भी मूल राशि नहीं की माफ
  • 2008 में तत्कालीन सरकार ने किसानों और सहकारी समितियों के सभी ऋण माफ करने के दिए थे आदेश
  • मामला भंडारा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का

Bhandara News‌ भंडारा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (बीडीसीसी) ने वर्ष 2008 से पहले के ऋण और ब्याज का भुगतान नहीं करने के कारण जिले की छह बलुतेदार सहकारी समितियों को एनपीए और अवैध घोषित कर दिया है। इन सभी संस्थाओं की सदस्यता रद्द कर दी गई और उनके मताधिकार भी छीन लिए गए। जैसे ही यह मामला विधायक नरेंद्र भोंडेकर तक पहुंचा तो वह गुरुवार 15 मई की शाम बैंक मुख्यालय पहुंचे और बैंक अधिकारियों से आड़े हाथों लिया। बीडीसीसी बैंक सभागार में लगभग चार घंटे तक चली चर्चा के दौरान अधिकारी जवाब देने में असमर्थ रहे। अंत में विधायक भोंडेकर ने बैंक को शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया। बैंक मैनेजर ने इस मुद्दे का सकारात्मक समाधान निकालने का आश्वासन दिया। जिसमें ऋण संबंधी सभी दस्तावेजों और लेनदेन के बारे में पारदर्शी जानकारी प्रस्तुत करने की भी गारंटी दी।

उल्लेखनीय है कि भंडारा जिला मध्यवर्ती बैंक के चुनाव 2011 के बाद 15 वर्षों के बाद होंगे और इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें विभिन्न बलुतेदार संस्था ने विधायक नरेंद्र भोंडेकर का नाम सुझाया गया था। हालांकि, बैंक प्रशासन ने बताया कि इन पांचों संस्थाओं पर 2008 से पहले के ऋण बकाया हैं और इन्हें एनपीए घोषित किया जा रहा है। जैसे ही यह मामला नरेंद्र भोंडेकर के संज्ञान में आया वह गुरुवार शाम 4 बजे बैंक पहुंचे और इस संबंध में बैंक मैनेजर से संपर्क किया। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विधायक भोंडेकर ने विशेष जांच दल के गठन की मांग करने की चेतावनी दी। चर्चा के दौरान बकाया ऋण दिखाना संदिग्ध पाया गया। दस्तावेज दिखाते हुए भोंडेकर ने कहा कि 2008 में तत्कालीन गठबंधन सरकार ने किसानों और सहकारी समितियों के सभी ऋण माफ कर दिए थे। इसके बावजूद बैंक द्वारा ऋण को बकाया दिखाना संदेहास्पद एवं गलत है।

विधायक भोंडेकर ने इस मुद्दे पर बैंक के महाप्रबंधक संजय बर्डे और अन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। भोंडेकर ने बताया कि बैंक ने छह बलुतेदार संस्थाओं के करीब दो हजार 138 सदस्यों से 1 करोड़ 31 लाख रुपए वसूले लेकिन इसके बाद भी इन सदस्यों की मूल राशि माफ नहीं की गई। कुछ मामलों में ऋण राशि को मूल राशि से दोगुना दिखाना गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का संकेत देता है। यह मामला जिले में सहकारी समितियों के साथ हो रहे अन्याय को उजागर करता है और अब समाधान के रूप में प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद है।इन सभी मामलों पर बैंक मैनेजर संजय बर्डे ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक का समय मांगा था। शुक्रवार को भोंडेकर बैंक पहुंचे और चर्चा शुरू हुई। मैनेजर बर्डे ने कहा कि ऋण रिकॉर्ड बहुत पुराने है। इसलिए जानकारी देने में त्रुटियां हुईं। इस जानकारी को सोमवार तक देने और सकारात्मक निर्णय लेने सोमवार 19 मई तक का समय मांगा है।


Created On :   17 May 2025 4:46 PM IST

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