Bhandara News: बीटीबी सब्जीमंडी व्यापारी एसोसिएशन पर 2.73 करोड़ रुपए टैक्स बकाया

बीटीबी सब्जीमंडी व्यापारी एसोसिएशन पर 2.73 करोड़ रुपए टैक्स बकाया
  • बीटीबी बचाओ संघर्ष समिति का आरोप
  • नगर परिषद प्रशासन ने वसूली में कोताही बरती

‌Bhandara News शुरुआत से ही किसी न किसी विवादों मेें रही भंडारा शहर की बीटीबी/महात्मा फुले मार्केट की तत्कालीन संचालक संस्था बीटीबी सब्जी मंडी व्यापारी एसोसिएशन पर भंडारा नगर परिषद का तकरीबन 2 करोड़ 73 लाख रुपए का टैक्स बकाया होने की जानकारी सामने आई है। इस संबंध में बीटीबी बचाओ संघर्ष समिति के मार्गदर्शक परमानंद मेश्राम ने पत्र परिषद लेकर बीटीबी सब्जी मंडी व्यापारी एसो. के 2.73 करोड़ रुपयों के बकाया टैक्स की वसूली में नगर परिषद प्रशासन द्वारा कोताही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि, आम नागरिकों को टैक्स चुकाने के लिए मजबूर करने वाली नगर परिषद बीटीबी पर करोड़ों रुपयों का बकाया कर वसूलने में आनाकानी कर रही हैं। यही नहीं भंडारा नगर परिषद पैनल के वकील भी बीटीबी संगठन का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, भंडारा शहर में जलशुध्दिकरण केंद्र के बाजू में सरकारी स्वामित्व वाली खाली भूखंड को भंडारा नगर परिषद द्वारा सब्जी बाजार के विकास के लिए बीटीबी को 9 साल की अवधि के लिए लीज पर दिया था। हालांकि, बीटीबी संगठन ने प्रत्येक व्यापारी से पांच लाख रुपये लेकर वहां सब्जी मंडी स्थापित कर दी। इसके अलावा वहां आनेवाले किसानों और व्यापारियों से पांच रुपये प्रति बोरे के अनुसार राशि वसूली जा रही थी। प्रतिदिन करीब तीन लाख रुपए अवैध वसूली की जा रही थी। इसके खिलाफ बीटीबी हटाओ संघर्ष समिति ने लगातार आवाज उठाई है। इसके लिए कई विरोध प्रदर्शन और मोर्चे भी निकाले गए। आखिरकार, सब्जी मंडी के अधिकार बीटीबी संगठन से छीन लिए गए। हालांकि, बीटीबी पर पिछले 9 वर्षों से नप का 2 करोड़ 73 लाख रुपए का टैक्स बकाया है। नप को इसकी तुरंत वसूली करने की जरूरत है, लेकिन नप प्रशासन बकाया टैक्स वसूली करने में कोताही बरत रहा है, ऐसा आरोप मेश्राम ने लगाया है। इस समय पत्र परिषद में महात्मा ज्योतिबा फुले सब्जी मंडी के अध्यक्ष महेंद्र मेंढे भी मौजूद थे।

सरकारी जमीन पर अनधिकृत निर्माण : तत्कालीन बीटीबी मार्केट में किसानों के प्रशिक्षण केंद्र के लिए आरक्षित भूमि पर बीटीबी संस्था ने नगर परिषद से कोई अनुमति लिए बिना अथवा किसानों को विश्वास में लिए बिना अपना आलिशान कार्यालय स्थापित कर लिया। बिना किसी अधिकार के उन्होंने अवैध रूप से बाजार में एक कंैटीन बनाई और उसे किराए पर दिया गया। आरोप लगाया गया कि उस कैंटीन से प्राप्त प्रति माह किराया 40 हजार रुपये बीटीबी संगठन के खाते में जमा किया जा रहा था।

संगठित अपराध की कार्रवाई करें : बीटीबी संगठन से अवैध रूप से धन एकत्र करने के आरोप में नगर परिषद प्रशासन की ओर से की गई शिकायत के आधार पर बीटीबी के खिलाफ अवैध वसूली का मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि यह लुट किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं बल्कि बीटीबी नामक संगठन द्वारा की गई थी। जो दर्शाता है कि यह एक संगठित अपराध है। इसलिए इस मामले में एमपीडीए के अनुसार कार्रवाई करने की मांग पत्र परिषद में की गई।

Created On :   14 May 2025 4:09 PM IST

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