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Bhandara News: गोसीखुर्द परियोजना की नहर फूटने से किसानों के खेत में भरा पानी

- सैकड़ों हेक्टेयर ग्रीष्मकालीन धान की फसल हुई बर्बाद
- परेशान किसानों ने की नुकसान का मुआवजा देने की मांग
Bhandara News गोसीखुर्द परियोजना की बायीं नहर से अनावश्यक रूप से पानी छोड़े जाने के कारण वितरिका नहर फूटने से भागड़ी के सैकड़ों हेक्टेयर ग्रीष्मकालीन धान की फसल में पानी से भर गया है। जिससे किसानों की ग्रीष्मकालीन धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। भागड़ी के किसानों ने संबंधित विभाग को तत्काल संज्ञान लेकर बर्बाद हुई धान की फसल का सर्वेक्षण कर और नुकसान का मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।
लाखांदुर तहसील के 31 गांवों को चौरास के नाम से जाना जाता है। यह चौरास क्षेत्र पानी की कमी से जूझ रहा था। ऐसे में वर्ष 2005 से गोसीखुर्द परियोजना की बायीं नहर का निर्माण शुरू किया गया था। इस नहर के अंतर्गत वितरिकाओं का निर्माण भी कुछ हद तक हो चुका है। कुछ का निर्माण अभी भी प्रगति पर है। हालांकि, उक्त वितरण कार्य दोषपूर्ण होने के कारण बारिश के दिनों में किसानों की धान की फसल प्रभावित होती है। क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई जाती है। इसके लिए पिछले दो वर्षों से ग्रीष्मकालीन धान की फसल के लिए किसानों को बायीं नहर के तहत पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस नहर के अंतर्गत वितरण का कार्य पूरा नहीं हुआ है और कुछ अतिरिक्त कार्य दोषपूर्ण हैं। इसलिए इसका प्रतिकूल प्रभाव उक्त नहर वितरक के क्षेत्र के किसानों पर देखा जा रहा है।
वर्तमान में धान की कटाई का समय आ गया है और किसान असमय बारिश के डर से धान की कटाई में तेजी ला रहे हैं। इसी तरह गोसीखुर्द बायीं नहर प्रशासन ने धान की फसल को पानी देने के लिए पानी छोड़ा लेकिन यह पानी किसानों तक नहीं पहुंचकर बेकार में बर्बाद हो रहा है। बारिश के मौसम की तरह, खेतों को खोलकर पानी बहता है और बड़े गड्ढे बन जाते हैं। जिससे खेत भर जाते हैं और ग्रीष्मकालीन धान के खेत जलमग्न हो जाते हैं। किसानों का आरोप है कि 90% फसल बर्बाद हो चुकी है। शासन और प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेकर हुए सभी नुकसान का पंचनामा कर जल्द मुआवजा प्रदान करने की मांग की जा रही है। गोसीखुर्द से अनावश्यक रूप से पानी नहीं छोड़कर किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने की मांग की गई है। ऐसा नुकसान होता रहा तो प्रशासन के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी किसानों ने दी है।
Created On :   17 May 2025 4:38 PM IST