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Bhandara News: लाखांदुर में समृध्दि महामार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ
- तहसील के 10 गांवों से गुजरेगा महामार्ग
- पहले स्थानीय किसानों ने समृद्धि महामार्ग का जमकर विरोध किया था।
Bhandara News महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) के तहत स्वीकृत समृद्धि महामार्ग के निर्माण के लिए लाखांदुर तहसील के कुल 10 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सोमवार, 9 जून से शुरू हो गई है। इसके तहत राज्य सड़क विकास निगम के अधिकारी, स्थानीय राजस्व और पुलिस प्रशासन अधिकारियों के उपस्थिति में यह कार्रवाई शुरू की गई है। आनेवाले कुछ दिनों में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। जिसके बाद निर्माण कार्य की नींव रखी जाएगी। जिससे लाखांदुर तहसील के विकास के मार्ग खुलेंगे, ऐसी उम्मीद ग्रामीणों द्वारा व्यक्त की जा रही है। बता दें कि, शुरुआती दौर में स्थानीय किसानों ने समृद्धि महामार्ग का जमकर विरोध किया था। किसानों का आरोप था कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में उन्हें विश्वास में नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में किसानों ने कई बार भूमि अधिग्रहण के लिए आए अधिकारियों को मौके से वापस भेज दिया था।
लेकिन अब फिर से इस कार्य को शुरू किया गया है। ऐसे में यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण माहौल में हो, इसके लिए स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में यह कार्य चल रहा है। इस समय लाखांदुर पुलिस कर्मचारी, वन कर्मचारी, भू अभिलेख कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी तथा सड़क विकास महामंडल के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस महामार्ग के बनने से यात्रा का समय कम होगा और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगा। तहसील के । यहा के किसानों को नए बाजार से जुड़ने का मौका मिलेगा। भंडारा-गडचिरोली एक्सप्रेसकुल लंबाई करीब 156 कि.मी. होने की जानकारी मिली है।
इन गांवों का समावेश : लाखांदुर तहसील के ग्राम डोकेसरांडी, किरमटी, रोहणी, खैरना, मोहरना, बेलाटी, खैरी / घर, सरांडी (बुज), राजनी और करांडला इन गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आनेवाले दिनों में समृद्धि महामार्ग उपरोक्त गांवों के गुजरेगा, जिससे गांवों का विकास होगा।
भंडारा-गड़चिरोली एक्सप्रेस-वे की लंबाई है 156 कि.मी. : समृध्दि महामार्ग के भंडारा-गडचिरोली एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 156 कि.मी. है। इसके निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहित की जा रही है। शुरुआती दौर में क्षेत्र में स्थानीय किसानों द्वारा समृध्दि महामार्ग का विरोध हो रहा था। किसानों का आरोप था कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में उन्हंे विश्वास में नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में किसानों ने कई बार भूमि अधिग्रहण के लिए आए अधिकारियों को मौके से वापिस भेज दिया था। लेकिन अब फिर से इस कार्य को शुरू किया गया है।
Created On :   13 Jun 2025 1:29 PM IST