Bhandara News: गुस्साए किसानों ने भेल की जमीन पर ट्रैक्टर से कर दी धान की बुआई

गुस्साए किसानों ने भेल की जमीन पर ट्रैक्टर से कर दी धान की बुआई
  • परियोजना में भूमि हाथ से गई और नौकरी भी नहीं मिली
  • उपजाऊ भूमि वापस करने की मांग

‌Bhandara News साकोली तहसील में भेल परियोजना द्वारा अधिग्रहित उपजाऊ कृषि भूमि पर किसानों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। वर्ष 2013 में भूमिपूजन के बाद से भेल कंपनी शुरू नहीं हो सकी है। किसानों से जमीन अधिग्रहित की गई लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाया है। परियोजना शुरू होने के इंतजार कर रहे किसानों को न्याय दिलाने के लिए विधान परिषद सदस्य डॉ. परिणय फुके ने 9 जून सुबह करीब 11 बजे ट्रैक्टर लेकर सीधे मुंडीपार स्थित परियोजना स्थल पर पहुंचे। वहां मौजूद 300 से अधिक किसानों के साथ कृषि भूमि पर ट्रैक्टर चलाकर धान की बुआई की। भेल के बंद गेट को खोल अंदर ढाई घंटे तक चले इस अनोखे आंदोलन ने प्रशासन और भेल प्रबंधन को हिलाकर रख दिया है।

इस दौरान मौजूदा किसानों ने कहा कि वर्ष 2013 से परियोजना ठप होने के कारण उपजाऊ भूमि हाथ से चली गई। साथ ही आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी अंधकार में चला गया है। किसानों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक स्वार्थों के कारण परियोजना बंद पड़ी है। कई बार ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन के बावजूद परियोजना शुरू नहीं हुई है। डॉ. फुके की इस भूमिका के बाद भेल परियोजना के अधिकारी सकते में आ गए हैं। उन्होंने पूरी घटना की जानकारी दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेज दी है। अब प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों और किसानों का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि दिल्ली से आगे क्या निर्देश आते हैं।

वर्ष 2013 में इस परियोजना के लिए भूमि पूजन समारोह आयोजित किया गया था लेकिन आज तक कोई वास्तविक कार्य नहीं होने से करीब 510 एकड़ भूमि खाली पड़ी है। इस कंपनी के लिए 270 किसानों की जमीन चली गई, लेकिन परियोजना शुरू नहीं हुई। जिससे रोजगार का मुद्दा गंभीर हो गया है। युवा पीढ़ी भी बेरोजगारी के गर्त में फंस गई है। इस विरोध प्रदर्शन में भेल संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय नवखरे, बाम्हनी सरपंच मुकेश मेनपाले, उपसरपंच हरिभाऊ वरखड़े, मुंडीपार उपसरपंच हरीश लांडगे, साकोली के पूर्व नगरसेवक मनीष कपगते समेत बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। इस समय कानून -व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हो इसके लिए प्रशासन के अधिकारी, तहसीलदार, लाखनी पुलिस थाने के थानेदार और भेल के प्रतिनिधि मौके पर तैनात किए गए थे।

किसानों को जमीन का उपयोग करने दें : कृषि भूमि का उपयोग किए बिना बंजर रखना अन्याय है। जब तक परियोजना शुरू नहीं होती, तब तक किसानों को इस भूमि का उपयोग कृषि के लिए करने दिया जाना चाहिए। -परिणय फुके, विधायक


Created On :   10 Jun 2025 4:16 PM IST

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