Bhandra News: आदिवासी कोटे से बंजारा और धनगर समाज को आरक्षण देने के खिलाफ 6 को विशाल मोर्चा

आदिवासी कोटे से बंजारा और धनगर समाज को आरक्षण देने के खिलाफ 6 को विशाल मोर्चा
संयुक्त आदिवासी कृति समिति ने पत्र परिषद में दी जानकारी

Bhandara News अपने संवैधानिक अधिकारों से पूरी तरह से अवगत नही होने के कारण ब्रिटिश राजपत्र एवं हैदराबाद राजपत्र के आधार पर अनुसूचित जनजातियों में शामिल होने की कोशिश बंजारा एवं धनगर समाज कर रहा है। ऐसे में आदिवासियों के एसटी प्रवर्ग में बंजारा एवं धनगर समाज को शामिल नही किया जाना चाहिए इस मांग को लेकर 6 अक्टूबर को संयुक्त आदिवासी कृति समिति की ओर से भव्य मोर्चा निकाला जाएगा। ऐसी जानकारी समिति ने पत्र परिषद के माध्यम से दी।

आदिवासी समाज की प्रमुख मांगों में बंजारा, धनगर और किसी भी अन्य जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। यह प्रमुख मांग रखी गई है। बिंदू नामावली के अनुसार अनुसूचित जनजाति का नंबर दो कायम रखा जाए। राज्य में अनुसूचित जनजातियों के बैकलॉग को तुरंत भरा जाना चाहिए। आदिवासी विभाग के अंतर्गत छात्रावासों में छात्रों को दी जाने वाली डीबीटी योजना बंद की जानी चाहिए और उन्हे पहले की तरह छात्रावास में खाना मिलना चाहिए। आदिवासी ज़मीन गैर-आदिवासियों को किराए पर न दी जाए। जाति प्रमाण पत्र के बिना शिक्षा या अन्य क्षेत्रों में कोई लाभ न दिया जाए।

भंडारा ज़िले में पेसा क़ानून लागू किया जाए। 6 जुलाई 2017 को गैर-आदिवासियों के ख़िलाफ़ दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लागू किया जाए और 12 हजार 500 से ज्यादा पदों पर आदिवासियों की भर्ती की जाए। ऐसी विभिन्न मांगो को लेकर विभिन्न संगठनाओं द्वारा बनाई गई संयुक्त कृति समिति की ओर से 6 अक्टूबर को आदिवासी मोर्चे का आयोजन किया गया है।

साथ ही आदिवासी बंधुओं को मोर्चे में शामिल होने का आह्वान पत्र परिषद के माध्यम से किया है। इस समय संयुक्त कृति समिति के अध्यक्ष गोवर्धन कुंभरे, कार्याध्यक्ष विनोद वट्‌टी समेत अजाबराव चिचामे, अशोक उईके, सोपचंद सिरसाम, प्रमोद वरखडे, ज्ञानेश्वर मडामे, प्रभा पेंदाम, नरेश नैताम आदि मान्यवर उपस्थित थे।

Created On :   4 Oct 2025 3:33 PM IST

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