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एक के बाद एक चरवाहों का शिकार, ग्रामीणों का गुस्सा फूटने के बाद बेहोश कर बाघ को पकड़ने के आदेश
- बेहोश कर बाघ को पकड़ने का आदेश
- बाघ का निवाला बना एक और चरवाहा
- सप्ताहभर में दूसरी घटना
- ग्रामीणों ने सहायक उपवनसंरक्षक को पीटा
डिजिटल डेस्क, प्रशांत पिसे, भंडारा। बुधवार को बाघ ने एक और चरवाहे पर जानलेवा हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इससे पहले गुडेगांव में शुक्रवार को बाघ एक चरवहे का शिकार कर चुका है। इस बार खातखेडा ग्राम के पास जब चरवहे की मौत हुई तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। घटनास्थल पर पहुंचे वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहायक उपवनसंरक्षक के साथ गांववालों ने मारपीट की। जिसमें घायल अधिकारी को पवनी के ग्रामीण अस्पताल में इलाज के बाद भंडारा रैफर किया गया। इसी बीच बाघ ने नंदिखेडा ग्राम की ओर जा रहे शख्स गुरूदास उईके पर भी हमला किया। एक के बाद एक इन घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की टीम को तैनात किया गया है।
उधर बाघ को पकड़ने के आदेश वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिए हैं। रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट ने मौके पर पहुंचकर बाघ को पकड़ने की तैयारी शुरू कर दी।
मृतक पशुपालक का नाम ईश्वर सोमा मोटघरे उम्र 58 साल बताई जा रही है। हर रोज की तरह बुधवार सुबह ईश्वर मोटघरे सुबह 8 बजे बकरियां चराने घर से निकला, कुछ समय बाद बकरियां लौट आईं, लेकिन ईश्वर का कुछ पता नहीं चला। तब परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने जाकर देखा, तो बस स्टैंड से 20 फीट की दूरी पर खून सनी चप्पल और रेनकोट दिखा। सड़क से लगभग 80 फीट आगे जाकर देखने पर ईश्वर का शव पड़ा दिखा।
बाघ ने शव काफी हद तक नोच लिया था। मामले की जानकारी वन विभाग और पुलिस को दी गई। वन विभाग के अधिकारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। वन विभाग के सहायक वनसंरक्षक यशवंत नागुलवार को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। बाघ का जब तक बंदोबस्त नहीं किया जाता, तब तक शव नहीं उठाने की चेतावनी दी गई।
भीड़ ने सहायक वनसंरक्षक यशवंत नागुलवार पर हमला किया। घायल अधिकारी को पहले पवनी के ग्रामीण अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। बाद में भंडारा में रैफर किया गया। वहीं घायल गुरूदास उईके का सावरला ग्राम के उपकेंद्र में इलाज चल रहा है। घटनास्थल पर उपवनसंरक्षक राहुल गवई, पवनी के तहसीलदार महेंद्र सोनुने, उपविभागीय पुलिस अधिकारी मनोज सिड़ाम ने मध्यस्थता कर मृतक ईश्वर मोटघरे का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शव ग्रामीण अस्पताल में लाया गया।
उपवनसंरक्षक ने दिया लिखित आश्वासन
घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत करने उपवनसंरक्षक गवई ने लिखित आश्वासन दिया। जिसमें पंद्रह दिनों के भीतर गांव का जंगल साफ कराने, बाघ पकड़ने और वन कर्मचारियों की गश्त लगाने सहित पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए प्रशासन से अपील का आश्वासन दिया गया।
Created On :   28 Jun 2023 7:36 PM IST