क्षति: जंगली जानवरों से धान फसलों का नुकसान

जंगली जानवरों से धान फसलों का नुकसान
सवा एकड़ की खेती हुई बर्बाद

डिजिटल डेस्क, पोंभुर्णा (चंद्रपुर)। किसान हमेशा प्राकृतिक आपदाओं से घिरे रहते हैं। इस साल बारिश के मौसम से ही किसान संकट में हैं। कुछ मानसूनी फसलें बारिश के कारण बर्बाद हो गई हैं। दो सप्ताह पहले बादल छाए रहने से अरहर और चने की फसल को नुकसान हुआ था। पिछले सप्ताह की बारिश से कटी हुई धान को काफी परेशानी हुई। कुछ किसानों ने अभी धान की कटाई नहीं की है। विचार करें तो प्राकृतिक आपदाओं की पूजा किसान ही करते हैं। अंत में जो कुछ बचे हैं, वे जंगली जानवरों के हमले में नष्ट होते दिखाई देते हैं। पोंभूर्णा के किसान भुजंग पांडुरंग ढोले पिछले दस वर्षों से अनुबंध पर खेती कर रहे हैं। चूंकि भुजंग ढोले भूमिहीन हैं, इसलिए उनके पास अनुबंध खेती के अलावा कोई सहारा नहीं है। इस साल भी, भूजंग ढोले ने नकुल तनुजी वानकर की आधा एकड़ धान की खेती का अनुबंध किया। धान की कटाई कर ली, लेकिन पिछले सप्ताह से हो रही बारिश के कारण वह धान की कटाई नहीं कर पाये। पूरे खेत में धान कटी अवस्था में फैला हुआ था। इस तरह जंगली जानवरों के झुंड ने खेत में लगे धान को कुचल डाला और पूरी फसल को बर्बाद कर दिया। भुजंग ने कहा कि वह एक बोरा धान भी घर नहीं ला सका। उन्होंने जंगली जानवरों से हुई फसल क्षति के मुआवजे के लिए वन विभाग को आवेदन दिया है। उसके द्वारा की गई फसल क्षति के संबंध में वन विभाग द्वारा मोका पंचनामा किया गया है। हालांकि, यह सच है कि किसान भुजंग ढोले को मुआवजा कब और कितना मिलेगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।


Created On :   12 Dec 2023 10:25 AM GMT

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