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Chhindwara News: जिला अस्पताल..इमरजेंसी यूनिट में गंभीर मरीजाें काे संभालने सिर्फ दो स्टाफ नर्स

- अक्सर रात के वक्त होते है विवाद, नर्सिंग स्टाफ को झेलना पड़ता है लोगों का गुस्सा
- मरीज की जांच में देरी होने पर उसके परिजन नर्सों से गाली-गलौच करते है।
- जनरल वार्डों में भी रात के वक्त पर्याप्त स्टाफ की ड्यूटी लगानी चाहिए।
Chhindwara News: मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में पूरे जिले से मरीज आते है। इमरजेंसी यूिनट में पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ न होने से कई बार मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सुिवधाएं नहीं मिल पाती। ऐसे में लगभग रोजाना विवाद की स्थिति बनती है। खासकर रात के वक्त इमरजेंसी यूिनट में सिर्फ दो स्टाफ नर्स होती है। कई बार तीन से चार मरीज एक साथ आने पर स्थिति लड़खड़ा जाती है।
इन्हीं नर्सों को सभी मरीजों का बीपी, शुगर, प्लस, ईसीजी जांच करने के साथ इंजेक्शन लगाने होते है। किसी मरीज की जांच में देरी होने पर उसके परिजन नर्सों से गाली-गलौच करते है। ऐसी स्थिति नर्सिंग स्टाफ को रोजाना झेलनी पड़ती है। इमरजेंसी यूनिट के अलावा अन्य वार्डों में भी नर्सों के साथ अभद्रता के मामले सामने आते है। मरीजों के साथ आने वाले परिजन पर्याप्त इलाज न होने का हवाला देकर नर्सिंग स्टाफ से अभद्रता करते है। इमरजेंसी यूिनट और वार्ड में पर्याप्त सुरक्षाकर्मी भी नहीं होते। ऐसे में स्टाफ को पुलिस बुलाकर मामला शांत कराना पड़ता है।
टेक्निशियन नहीं, नर्से ही करती है ईसीजी-
इमरजेंसी यूनिट में टेक्निशियन नहीं होते। हार्ट अटैक, एक्सीडेंट या किसी अन्य बीमारी से पीिड़त मरीज के आने पर नर्सिंग स्टाफ को ही ईसीजी भी करना होता है। प्रबंधन द्वारा नर्सिंग स्टाफ के साथ टेक्निशियन की ड्यूटी इमरजेंसी यूिनट में लगा दी जाए, तो सभी का काम आपस में बंट जाएगा और मरीज को समय पर बेहतर इलाज मिल सकेगा।
स्टाफ बढ़ाना जरुरी, तभी बन सकेगी व्यवस्था-
इमरजेंसी यूिनट के साथ-साथ जनरल वार्डों में भी रात के वक्त पर्याप्त स्टाफ की ड्यूटी लगानी चाहिए। ताकि अचानक से गंभीर मरीजों के आने पर सभी की प्राथमिक जांच के साथ इलाज दिया जा सके। ऐसे में रोजाना होने वाले विवादों में भी कमी आएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी-
मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल की संबद्धता के बाद पेशेंट का दबाव बढ़ा है लेकिन स्टाफ नहीं बढ़ाया जा सका है। सीमित नर्सिंग स्टाफ से ही काम लिया जा रहा है। सिम्स से स्टाफ मिलने पर व्यवस्था में सुधार आ सकेगा।
- डॉ.नरेश गोन्नाड़े, सिविल सर्जन
Created On :   14 Jun 2025 2:34 PM IST