Gadchiroli News: 43 साल से एमआरआई मशीन का इंतजार गड़चिरोली की स्वास्थ्य सेवा खुद वेंटीलेटर पर

43 साल से एमआरआई मशीन का इंतजार गड़चिरोली की स्वास्थ्य सेवा खुद वेंटीलेटर पर
अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, मशीनें नहीं, इलाज के लिए भटक रहे मरीज

Gadchiroli News नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाली की सारी हदें पार कर चुकी है। 43 वर्षों से जिला अस्पताल को एमआरआई मशीन नहीं मिल पाई है, जिससे गंभीर मरीजों को आज भी चंद्रपुर, ब्रह्मपुरी और नागपुर जैसे शहरों की दौड़ लगानी पड़ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश वलके और अन्य नागरिकों ने इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक दी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाएं केवल नाम मात्र की है। जिले में 1 जिला अस्पताल, 1 महिला व बाल अस्पताल, 3 उपजिला अस्पताल, 9 ग्रामीण अस्पताल और दर्जनों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद डॉक्टरों, तकनीशियनों और आधुनिक उपकरणों की भारी कमी है। कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक ही डॉक्टर को तीन अस्पतालों का काम करना पड़ रहा है, जिससे न तो समय पर इलाज हो पा रहा है और न ही गंभीर मरीजों को राहत मिल रही है।

मशीन की 43 साल पुरानी मांग : गड़चिरोली जिला बने 43 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन जिला अस्पताल में अब तक एक भी एमआरआई मशीन नहीं लगाई गई है। मरीजों को एमआरआई जैसे जरूरी टेस्ट के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर नागपुर या चंद्रपुर भेजा जाता है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि मरीज की जान पर भी बन आती है।

नागरिकों में तीव्र असंतोष : ज्ञापन देने पहुंचे नागरिकों का कहना है कि सरकारें केवल अस्पतालों की संख्या गिनाने में व्यस्त हैं , जबकि मूलभूत सुविधाएं शून्य हैं। आपातकालीन स्थिति में रेफर करना मानो डॉक्टरों की मजबूरी बन चुकी है, क्योंकि उनके पास इलाज करने का उपकरण ही नहीं है। जिलाधिकारी से मिला आश्वासन : निवासी जिलाधिकारी सूनील सूर्यवंशी ने ज्ञापन स्वीकार कर सभी मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

Created On :   26 Sept 2025 3:55 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story