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Gadchiroli News: नक्सलगढ़ मरकनार में पहली बार पहुंची रापनि की बस, तिरंगा फहराकर ग्रामीणों ने किया स्वागत

- पुलिस विभाग के प्रयास रंग लाए
- सुदूर क्षेत्र के दर्जनों गांवों को मिली बस की सुविधा
Gadchiroli News जिले के भामरागढ़ तहसील के नक्सलगढ़ के रूप में परिचित अबुझमाड़ परिसर से सटे मरकनार गांव के नागरिकों के लिए बुधवार, 16 जुलाई का दिन बेहद खास रहा। जिला पुलिस विभाग के निरंतर प्रयासों के बाद इस गांव के लिए आजादी के बाद पहली ही बार रापनि की बसे सेवा आरंभ की गयी। जैसे ही यह बस गांव में पहुंची नागरिकों ने तिरंगा फहराकर इस बस का स्वागत किया। अहेरी से मरकनार बस सेवा शुरू होने के कारण अब क्षेत्र के दर्जनों सुदूर गांवों के लोगों को सुविधा उपलब्ध होगी। पहले दिन इस बस में सफर करने वाले आदिवासी नागरिकों का पुलिस विभाग की ओर स्वागत भी किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलायी जा रहीं हैं। इन्हीं योजना का लाभ उठाते हुए मरकनार गांव के नागरिकों ने 9 फरवरी 2025 को नक्सलियों के लिए गांव बंदी करने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव के बाद पुलिस की सुरक्षा के बीच कोठी से मरकनार तक की सड़क बनाई गई। वहीं गांव में अनेक प्रकार की बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध करायी गयी। मात्र नागरिकों को तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार का वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहा था जिसके चलते लोगों को पैदल अथवा साइकिल से सफर कर भामरागढ़ पहंुचना पड़ता था। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए पुलिस विभाग ने राज्य परिवहन निगम के अहेरी बस डिपो से संपर्क कर अहेरी-मरकनार बस सेवा शुरू करने की मांग की। रापनि ने इस मांग को मंजूरी देते हुए गांव के लिए बस सेवा आरंभ की। बुधवार को अहेरी से पहली बस मरकनार गांव पहुंची।
उल्लेखनीय यह हैं कि, मरकनार गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल हाेकर नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले अबुझमाड़ से सटा हुआ है। किसी समय में यह गांव भी नक्सलियों के लिए आश्रय स्थल के रूप में परिचित था। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा निरंतर चलायी गयी विकासात्मक योजनाओं के चलते अब यह गांव भी नक्सलमुक्त हो गया है।
इस बस सेवा के चलते मरकनार के साथ क्षेत्र के मुरूमभुशी, फुलनार, कोपर्शी, पोयारकोठी, गुंडूरवाही समेत अन्य गांवों के 1200 लोगांे को सुविधा उपलब्ध होगी। पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल की संकल्पना से बस सेवा शुरू करने कोठी पुलिस मदद केंद्र के प्रभारी अधिकारी पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप गवली, सीआरपीएफ की 37 वीं बटालियन के सहायक कमांडंट अविनाश चौधरी ने विशेष प्रयास किये। गांव के पुलिस पाटील झुरू मालु मट्टामी ने इस बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस समय गांव के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
पुलिस सुरक्षा में बने 20 सड़कों के साथ 60 पुल : नक्सली गतिविधियों के चलते दुर्गम क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य अधर में पड़े हुए थे। लेकिन पुलिस विभाग के जवानों द्वारा लगातार किये जा रहें नक्सल खोज अभियान और मिल रहीं सफलता के कारण अब नक्सलियों का प्रभाव कम होने लगा है। इसी कारण अब दुर्गम क्षेत्र में विकास कार्यों को बढ़ावा भी मिलने लगा है। पिछले पांच वर्षों में जिले के दुर्गम क्षेत्र में 420.95 किमी की कुल 20 सड़कों का निर्माणकार्य पुलिस सुरक्षा में पूर्ण किया गया। वहीं विभिन्न स्थानों के नदी व नालों पर 60 पुल का निर्माणकार्य भी संभव हुआ है। लगातार बढ़ रहें विकास कार्यों के चलते अब दुर्गम क्षेत्र भी नक्सलमुक्त होने लगा है।
Created On :   17 July 2025 4:18 PM IST