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बड़ी मुश्किल है - धान के खेतों में जंगली सुअरों का डेरा
- नागझिरा अभयारण्य क्षेत्र से सटे गांव के किसान नई समस्या से जूझ रहे
- किसानों के साथ वन विभाग भी परेशान
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. गोरेगांव वन परिक्षेत्र के नागझिरा अभयारण्य से सटे ग्रामों के किसान इन दिनों जंगली सुअरों से काफी परेशान है। खेतों में लगी धान की फसलों में जंगली सुअरों ने अपना बसेरा बना लिया है। इससे किसान ही नहीं बल्कि वनविभाग भी परेशान है लेकिन जंगली सुअरों के झुंड से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान पहुंच रहा है।
इस तरह की स्थिति हीरापुर, पिंडकेपार, मलपुरी, रामाटोला ग्रामों में देखने मिल रही है। बता दें कि धान की रोपाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू है। हर किसान अपने खेतों में फसलों की रोपाई कर रहा है। ऐसे में जंगली सुअर झुंड के साथ खेतों में पहुंच रहे हैं। यहां तक की सुअरों ने अपना डेरा खेतों में डाल दिया है जिस वजह से किसान खेतों में जाने से भी कतरा रहे है क्येांकि सुअर उनपर कभी भी हमला कर सकते है। इस तरह का डर हीरापुर क्षेत्र के किसानों में देखा जा रहा है।
इस क्षेत्र में धान फसल के अलावा गन्ने की खेती भी की जा रही है लेकिन जंगली सुअरों ने फसलों को नुकसान पहुंचाने से अनेक किसानों ने गन्ने की खेती करना भी छोड़ दिया है। किसानों ने मांग की है कि वनविभाग वन्यजीवों का बंदोबस्त करे या जंगली सुअरों को बिना शर्त मारने की अनुमति दें।
मारने की अनुमति दी जाए
सुरेंद्र बिसेन, प्रगतिशील किसान, हीरापुर के मुताबिक नागझिरा अभयारण्य क्षेत्र से सटे हीरापुर, पिंडकेपार, मलपुरी, रामाटोला ग्रामों के किसानों के खेतों मंे जंगली सुअर प्रवेश कर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। मैंने अपने खेतों में गन्ने की फसल लगायी थी। लेकिन जंगली सुअरों द्वारा बार-बार नुकसान पहुंचाने पर अब गन्ने की खेती करना छोड़ दिया है। इस संदर्भ में वनविभाग से संपर्क कर मांग की गई है कि जंगली सुअरों काे मारने की अनुमति दी जाए ताकि नुकसान से बचा जा सके।
जानकारी मिली है
डी.धुर्वे, राउंड ऑफिसर, गोरेगांव, वन विभाग के मुताबिक जंगली सुअर खेतों में होने की जानकारी मिली है। खेतों में वनविभाग के कर्मियों को जांच के लिए भेजा गया था जिसमें पाया गया कि जंगली सुअर के साथ छोटे सुअरों के बच्चे हैं। जल्द ही वे 3 से 4 दिन में जगह छोड़ देंगे। जंगली सुअरों को मारने की अनुमति है लेकिन इसके लिए शासन द्वारा दिए गए नियम व शर्तों का पालन करना आवश्यक है।
Created On :   20 July 2023 6:14 PM IST