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किसानों ने बोया सोना, निकल आया कचरा
- बीज कंपनी के खिलाफ किसानों में तीव्र असंतोष
- कृषि सभापति कुथे सहित कृषि विभाग की टीम पहुंची खेतों में
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में प्रमुख फसल धान होकर इसे पीला सोना कहा जाता है। रबी और खरीफ सत्र में धान उत्पादकों द्वारा उच्च दर्जे का और बड़े पैमाने पर उत्पादन लेने हेतु कृषि केंद्रों से धान की बीजाई खरीदकर नर्सरी में बोए जाते हैं, लेकिन इस बार खरीफ सत्र में जिले में अधिकांश धान उत्पादकों द्वारा बोए गए धान की बीजाई से धान के बजाए कचरा उग आया है। इससे किसानों में बीज कंपनी के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है।
इसी तरह गोंदिया तहसील के ग्राम खातिया के धान उत्पादकों द्वारा प्राप्त शिकायतों के बाद जिला परिषद कृषि सभापति रूपेश कुथे सहित कृषि विभाग की टीम ने खेतों में पहुंचकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि परिसर के खेतों में धान के बजाए कचरा उग आया है। इस समय बीज कंपनी व कृषि केंद्रांे के प्रतिनिधि तथा संचालकों के साथ परिसर के अनेक किसान उपस्थित थे। इस समय संतप्त किसानों ने शासन-प्रशासन से संबंधित बीज कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ित किसानों को तत्काल नुकसान भरपाई दी जाने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम खातिया निवासी कंुवरलाल, विनोद लांजेवार, सत्यपाल हत्तीमारे सहित अनेक धान उत्पादकों ने ग्राम खातिया के कृषि केंद्रों से एरिज कंपनी के 6444 गोल्ड नामक धान की बीजाई खरीदी की थी। धान नर्सरी के लिए किसानों ने धान को बोया, लेकिन धान के बजाए कचरा उग आया। इस बारे में किसानों ने संबंधित बीज कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर इस विषय की जानकारी दी, लेकिन कंपनी की ओर से इस ओर अनदेखी की गई। इधर, धान की रोपाई नहीं होने के कारण किसानों को लाखों रुपए का नुकसान सहन करना पड़ रहा है। इस मामले की जानकारी किसानों ने जिला परिषद कृषि सभापति रूपेश कुथे को दी तो वे स्वयं कृषि अधिकारियों की टीम लेकर खेतों मंे पहुंच गए। इतना ही नहीं तो जिप कृषि सभापति कुथे ने कंपनी के प्रतिनिधि व कृषि कंेद्र के संचालकों को भी खेतों पर जांच करने बुलाया। जब कृषि अधिकारी, संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि व कृषि केंद्र संचालकों ने जांच की तो जांच में पता चला कि धान की बजाए कचरा उग आया है। इससे संतप्त किसानों ने शासन-प्रशासन से संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ित किसानों को तत्काल नुकसान भरपाई दिए जाने की मांग की है।
कंपनी को काली सूची में डाला जाए
रूपेश कुथे, कृषि सभापति, जिप के मुताबिक उपरोक्त कंपनी की बीजाई किसानोेे ने खरीदकर खेतों में बोई है, लेकिन जांच करने पर पता चला कि धान के बजाए कचरा उग आया है। जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचकर जमीन पड़ित रखने की नौबत आई है। जिला परिषद में इस संदर्भ में कंपनी के खिलाफ प्रस्ताव लेकर काली सूची में डालने की मांग शासन से की जाएगी, वहीं पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा देकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए,इस तरह के निर्देश कृषि विभाग को दिए गए है।
नियमानुसार करेंगे कार्रवाई
एम.के.मडामे, कृषि विकास अधिकारी, जिप के मुताबिक किसानों के खेतों में जांच की गई है जिसमें उपरोक्त मामला सामने आया है। कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर काली सूची में शामिल करने की सिफारिश की जाएगी। वहीं किसानों को मुआवजा दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।
Created On :   21 July 2023 6:30 PM IST