Jabalpur News: अब तीन वर्ष में उत्तीर्ण कर सकते हैं ऑल इंडिया बार का एग्जाम

  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नव नामांकित वकीलों को दी राहत
  • परीक्षा में असफल रहने वाले अधिवक्ता अपना व्यवसाय का अधिकार खो देंगे।
  • बीसीआई ने परीक्षा पास करने में विफल नए अधिवक्ताओं को एक अंतिम अवसर प्रदान किया है।

Jabalpur News: स्टेट बार काउंसिल में नामांकन कराने वाले नए वकीलों के लिए राहत भरी खबर है। अब वे तीन वर्ष में ऑल इंडिया बार एग्जाम उत्तीर्ण कर सकते हैं। पूर्व में नामांकित होने के बाद अधिकतम दो वर्ष में परीक्षा पास करने की बाध्यता थी।

स्टेट बार काउंसिल ऑफ मध्यप्रदेश के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने बताया कि स्टेट बार की मांग पर बीसीआई ने नव नामांकित अधिवक्ताओं को जारी प्रावधिक (अस्थाई) नामांकन अवधि में एक वर्ष की बढ़ोत्तरी करते हुए उसे दो की जगह तीन वर्ष कर दिया है। हालांकि यह राहत वर्ष 2022 से नामांकित हुए अधिवक्ताओं के लिए है।

परिषद के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता ने बताया कि बीसीआई द्वारा जारी अधिसूचना 12 अप्रैल, 2013 में नवीन अधिवक्ताओं को दो वर्ष हेतु प्रावधिक नामांकन जारी किया जाता था। स्टेट बार द्वारा प्रावधिक अवधि को दो वर्ष से बढ़ाए जाने का बीसीआई से अनुरोध किया गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। साथ ही यह निर्देश भी दिया है कि इस विस्तारित एक वर्ष की अवधि में भी परीक्षा पास करने में विफल रहते हैं तो वे अधिवक्ता नहीं रह जाएंगे और उनका नाम स्टेट बार के रोल से हटा दिया जाएगा।

परीक्षा में असफल रहने वाले अधिवक्ता अपना व्यवसाय का अधिकार खो देंगे। वे अदालत में पेश होने के दौरान कोट, ड्रेस, बैंड, गाउन नहीं पहन सकेंगे। इतना ही नहीं उन्हें संघों के चुनावों में मतदान करने का अधिकार भी नहीं रहेगा। इसके साथ ही वे स्टेट बार की किसी भी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर सकेंगे।

कुल मिलाकर बीसीआई ने परीक्षा पास करने में विफल नए अधिवक्ताओं को एक अंतिम अवसर प्रदान किया है। वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी द्वारा अधिवक्ता संघों को अवगत कराया गया है कि बीसीआई द्वारा यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वर्ष 2022 के पूर्व नामांकित अधिवक्ता जिनके द्वारा परीक्षा पास नहीं की गई है, उन अधिवक्ताओं की अधिवक्ता संघ की सदस्यता समाप्त कर दी जाए।

Created On :   1 May 2025 6:34 PM IST

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