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Jabalpur News: 0 से 40 वर्ष तक के हितग्राहियों की होगी सिकलसेल स्क्रीनिंग

- 100 दिनी अभियान 1 से, लक्ष्य 40 हजार का
- सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग एवं जागरूकता अभियान के अंतर्गत तैयारियों में जुटा विभागीय अमला
Jabalpur News: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में सिकलसेल एनीमिया की व्यापकता को देखते हुए जबलपुर समेत प्रदेश के 33 जिलाें में सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग एवं जागरूकता अभियान 1 जुलाई से शुरू होगा। 100 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं समेत 0 से 40 वर्ष तक के हितग्राहियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और सिकलसेल रोगियों को चिन्हित कर उपचार दिया जाएगा।
विश्व सिकलसेल दिवस पर राज्यपाल द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। इसके बाद से स्वास्थ्य महकमे द्वारा अभियान को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जबलपुर जिले को प्रतिदिन 400 हितग्राहियों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य मिला है, यानी 100 दिवस में 40 हजार व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी किए गए पत्र के मुताबिक अभियान के दौरान अधिक से अधिक स्क्रीनिंग कर अच्छा प्रदर्शन करने वाले 3 जिलों, 10 विकासखंडों एवं 5 सिकल मित्रों को 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर राज्य स्तरीय सम्मान दिया जाएगा।
पीओसी किट से होगी जांच
नोडल अधिकारी डॉ. केके वर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में स्क्रीनिंग, जांच करके नेशनल सिकलसेल एनीमिया एलिमिनेशन पोर्टल में एंट्री की जाएगी। मैदानी स्तर पर ग्राम पंचायतों, स्कूलों, आश्रमों, कॉलेजों, छात्रावासों तथा ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवसों के दौरान शिविर आयोजित कर पीओसी किट (पॉइंट ऑफ केयर टेस्ट किट) से जांच होगी।
मैदानी और संस्थागत, दोनों अमले जुटेंगे
मैदानी स्तर पर आशा कार्यकर्ता, एएनएम एवं सीएचओ और संस्था स्तर पर सीएचओ, लैब टेक्नीशियन व स्टाफ नर्स पीओसी किट से जांच करेंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनजातीय कार्य विभाग, आयुष विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।
एक नजर
गर्भवती महिलाओं को प्रथम तिमाही जांच कराना अनिवार्य है।
प्रतिदिन की स्क्रीनिंग की एंट्री पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।
चिन्हित सिकलसेल रोगियों को उपचार, पेन मैनेजमेंट, ब्लड ट्रांसफ्यूजन एवं न्यूमोकोकल वैक्सीनेशन की जानकारी जिला स्तर से पोर्टल में उपलब्ध ट्रीटमेंट एवं फॉलोअप मॉड्यूल में दर्ज की जाएगी।
प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य शेष जिलों में यह अभियान पहले से चल रहा है, वहीं बचे हुए 33 जिलों में भी इसे अब 1 जुलाई से शुरू किया जा रहा है। यह अभियान न सिर्फ जागरूकता लाएगा, बल्कि इससे नए मरीजों को उपचार भी मिलेगा।
- डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
Created On :   27 Jun 2025 6:44 PM IST