Jabalpur News: लुढ़कते, पलटते असुरक्षित ई-रिक्शाें में कब तक ढोएंगे स्कूली बच्चे, भोपाल ने लगा दी रोक

लुढ़कते, पलटते असुरक्षित ई-रिक्शाें में कब तक ढोएंगे स्कूली बच्चे, भोपाल ने लगा दी रोक
  • कहीं भी रोक देते हैं, बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित, सड़क सुरक्षा समिति ने पहले ही रोक लगाने का निर्णय लिया था
  • अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं क्योंकि ई-रिक्शा सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हैं।

Jabalpur News: ई-रिक्शा बच्चों के लिए सबसे असुरक्षित वाहन साबित हो रहे हैं। ये कहीं भी और कभी भी पलट जाते हैं। इनके चालक इस तरीके से वाहन चलाते हैं कि हमेशा ही दुर्घटना होती रहती है। कहीं भी रुक जाना, अचानक बिना इंडीकेटर दिए ही वाहन मोड़ देना और तेज गति से वाहन चलाते हुए बच्चों की जान को खतरे में डालना बेहद दर्दनाक हो सकता है।

यही कारण है कि राजधानी भोपाल की सड़क सुरक्षा समिति ने इन वाहनों से स्कूली बच्चों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है और अब जबलपुर में भी ऐसा करने की उम्मीद की जा रही है। ई-रिक्शा की बढ़ती हुई संख्या के कारण इनके चालक कम किराए में ही सवारी को गंतव्य तक छोड़ देते हैं जिससे अब स्कूली बच्चों के पालक भी ई-रिक्शों को ही तरजीह दे रहे हैं और उन्हीं के जरिए बच्चों को स्कूल भेजने लगे हैं लेकिन किराए के चक्कर में अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं क्योंकि ई-रिक्शा सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हैं।

एक तो इनमें दरवाजे नहीं होते जिससे बच्चों के शरीर बाहर तक निकले होते हैं, कई बच्चे लटक जाते हैं और ये रिक्शे आसानी के साथ पलट जाते हैं। इनके आकार ऐसे होते हैं कि सड़कों के गड्ढों में वाहन फंसते ही ये लुढ़क जाते हैं।

कलेक्टर बोले असुरक्षित वाहन

भोपाल कलेक्टर ने 18 जुलाई को आदेश जारी कर कहा कि जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था कि स्कूल के छात्र-छात्राओं के परिवहन हेतु ई-रिक्शा का उपयोग न किया जाए क्योंकि ये वाहन छोटे स्कूली बच्चों के लिए असुरक्षित हैं। इसलिए इनके जरिए स्कूली बच्चों का परिवहन रोका जाता है।

कोई भी सेफ्टी फीचर नहीं

जानकारों का कहना है कि इन ऑटो में न तो एयरबेल्ट हैं, न एयरबेग हैं और न ही एंटीब्रेक लॉकिंग सिस्टम है। ऐसे में स्कूली बच्चों को इनमें बैठाने की छूट देना खतरनाक साबित हो रहा है। बच्चे वैसे भी चंचल होते हैं, इसलिए उनके लिए सुरक्षित वाहन होने ही चाहिए ताकि वे आसानी से बाहर झांक न सकें, हाथ या पैर बाहर न निकाल सकें और तो और आपस में धक्का-मुक्की करते समय भी वे सुरक्षित रहें, ऐसे वाहन होने जरूरी हैं।

Created On :   22 July 2025 2:06 PM IST

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