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Jabalpur News: मनमाने दाम पर बेची जा रही थी यूरिया, संचालक पर एफआईआर

- स्टाॅक और बिल बुक में भी मिली कई तरह की खामियां
- केंद्र में रखी यूरिया जिस कंपनी की थी उसके ओ फाॅर्म की वैधता समाप्त हो गई थी।
- जांच टीम ने दुकान के दस्तावेजों की जांच की तो स्टाॅक रजिस्टर व बिल बुक में भी गड़बड़ी उजागर हुई।
Jabalpur News: खरीफ सीजन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों व कस्बों में कीटनाशक व खाद की कालाबाजारी की जा रही है, इसी तरह का मामला चरगवां क्षेत्र में उजागर हुआ जहां किसानों काे मनमाने दामों पर यूरिया बेची जा रही थी। शिकायत मिलने पर कृषि विभाग की टीम ने जांच पड़ताल की तो गड़बड़झाला उजागर हुआ। जांच के बाद इसकी शिकायत किए जाने पर चरगवां थाने में प्रोपराइटर के खिलाफ कालाबाजारी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार पाटन के अनुभागीय कृषि अधिकारी डाॅ. इंदिरा त्रिपाठी द्वारा थाने में एक प्रतिवेदन दिया गया था जिसमें बताया गया कि किसान नेक नारायण डहेरिया ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की थी कि मेसर्स कृष्णा कृषि केंद्र चरगवां में यूरिया लेने गया था।
दुकान के प्राेपराइटर दयाराम साहू द्वारा यूरिया 350 रुपये बैग देने कहा, जबकि उसकी कीमत 266 रुपये 50 पैसे है। शिकायत मिलने पर डाॅ. त्रिपाठी और उनकी टीम द्वारा दुकान पहुंचकर जांच की गई। जांच में सामने आया कि केंद्र में 89 बोरी यूरिया रखी थी जबकि संचालक ने अधिकारियों को यूरिया का स्टाॅक न होने की जानकारी दी थी। इस गडबड़ी के बाद जांच टीम ने विभागीय कार्यवाई के बाद एफआईआर दर्ज कराई।
दिखाया कुछ, मिला कुछ और
जांच में यह बात सामने आई कि केंद्र में रखी यूरिया जिस कंपनी की थी उसके ओ फाॅर्म की वैधता समाप्त हो गई थी। बिना ओ फाॅर्म के पीओएस मशीन में 190 बैग 8.550 टन यूरिया व भौतिक रूप से 89 बैग 4.005 टन यूरिया पाई गई।
दर्ज होंगे किसानों के बयान
जांच टीम ने दुकान के दस्तावेजों की जांच की तो स्टाॅक रजिस्टर व बिल बुक में भी गड़बड़ी उजागर हुई। बिल बुक में कई अन्य किसानों को अधिक दाम पर यूरिया बेचा जाना पाया गया है। जांच टीम द्वारा बिल बुक के आधार पर किसानों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
Created On :   22 July 2025 6:34 PM IST