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Jabalpur News: जबलपुर से छिंदवाड़ा गया कफ सिरप इसी से 6 बच्चों की मौत की आशंका!

Jabalpur News: छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से 6 बच्चों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि जिस सिरप की वजह से बच्चों की मौत हुई, उसकी सप्लाई जबलपुर से की गई है। छिंदवाड़ा में 3 दवा दुकानों से यह दवा बेची गई। जबलपुर में औषधि निरीक्षकों की टीम ने दवा सप्लाई करने वाले स्टॉकिस्ट की तलाश शुरू कर दी है।
मामला सामने आने के बाद बुधवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक दिनेश कुमार मौर्य ने औषधि निरीक्षकों की 5 सदस्यीय टीम गठित कर दी है, जो कि दवाओं के सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजेगी। पता चला है कि बच्चों को जो कफ सिरप दिया गया था, उसमें डायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल में गड़बड़ी होने का संदेह है।
छिंदवाड़ा कलेक्टर ने कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रॉस डीएस कफ सिरप बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं पेरेंट्स, डॉक्टर और मेडिकल संचालकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। बता दें कि 20 सितंबर के बाद छिंदवाड़ा के अलग-अलग हिस्सों में सर्दी-खांसी और बुखार के बाद कई बच्चों की यूरिन (पेशाब) बंद हो गई थी और उपचार के दौरान 6 बच्चों ने दम तोड़ दिया।
यह टीम करेगी जांच
खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने जो 5 सदस्यीय टीम गठित की है, उसमें औषधि निरीक्षक देवेंद्र कुमार जैन जबलपुर, शरद कुमार जैन जबलपुर, स्वप्निल सिंह बालाघाट, सुश्री वैष्णवी तलवारे और गौरव शर्मा छिंदवाड़ा शामिल हैं। विभाग द्वारा जारी आदेश में टीम को जांच प्रतिवेदन 7 दिवस के भीतर तैयार कर मुख्यालय भोपाल में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रोपेगेंडा मेडिसिन होने का संदेह
जानकारों के मुताबिक संदेह के दायरे में आए कफ सिरप पर प्रोपेगेंडा मेडिसिन होने की संभावना है। यह दवा बड़ी संख्या में दवा दुकानों पर उपलब्ध न होकर केवल 3 दवा दुकानों से ही विक्रय हो रही थी और उसे सप्लाई करने वाला स्टॉकिस्ट भी एक ही है। डॉक्टरों ने ऐसी दवाएं लिखीं जो प्रोपेगेंडा (प्रचार-प्रसार) आधारित है। इन दवाओं को लिखने के बदले इन्हें बनाने वाली कंपनियां मोटा कमीशन देती हैं और मरीजों की सेहत से भी खिलवाड़ होता रहता है।
छिंदवाड़ा में कफ सीरप से बच्चों की मृत्यु और बीमार पड़ने से जुड़े मामले में दवा की जांच के लिए औषधि निरीक्षकों की 5 सदस्यीय टीम गठित की है। छिंदवाड़ा में उस बैच नंबर की दवा पर के विक्रय पर रोक लगा दी गई है और सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इसके अलावा भी स्टॉकिस्ट के पास से जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे। दोषी पाए जाने वाले किसी भी उत्पाद/निर्माता/विक्रेता पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
-दिनेश कुमार मौर्य, नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्यप्रदेश
Created On :   3 Oct 2025 5:57 PM IST