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Jabalpur News: 0-5 वर्ष के 42 हजार से ज्यादा बच्चों को नहीं लगा एमआर का टीका

- यूविन पोर्टल पर लक्ष्य के मुकाबले 86 फीसदी ही एंट्री, अधिकारी बोले- निजी क्षेत्र में लगने वाले टीके नहीं हो रहे अपडेट
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि लगभग सभी बच्चों का टीकाकरण हुआ है
Jabalpur News: जिले में 0-5 वर्ष के 42 हजार 504 बच्चों को एमआर का टीका नहीं लगा है। सत्र 2024-25 के हुए कुल टीकाकरण के बाद, यूविन पोर्टल में हुई एंट्री के बाद यह आंकड़े सामने आए हैं। पोर्टल में जिले के शहरी क्षेत्र समेत सभी विकासखंडों को मिलाकर लक्ष्य के मुकाबले 86 फीसदी ही टीकाकरण की एंट्री हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि लगभग सभी बच्चों का टीकाकरण हुआ है, लेकिन अलग-अलग कारणों से पोर्टल में एंट्री नहीं हुई है।
बड़ा कारण निजी क्षेत्र में हो रहे टीकाकरण का यूविन पोर्टल पर अपडेट न होना है। अधिकारियों का कहना है कि निजी चिकित्सकों को निर्देश हैं कि उनके द्वारा किए जा रहे 0 से 5 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करें, लेकिन बार-बार चेतावनी देने के बाद भी ऐसा नहीं हो रहा है।
रिमाइंडर सिस्टम नहीं
0-5 से वर्ष तक की उम्र के दौरान पहला टीका जन्म के बाद, दूसरा डेढ़ महीने, तीसरा ढाई महीने, चौथा साढ़े तीन महीने, पांचवां 4 महीने, छठवां डेढ़ वर्ष और सातवां 5 वर्ष की उम्र में लगता है। कुछ मामलों में भूल जाने अथवा तय डेट निकल जाने के कारण पेरेंट्स टीका नहीं लगवाते, ऐसी स्थिति में पेरेंट्स के लिए टीकाकरण का कोई रिमाइंडर सिस्टम नहीं है।
विभाग द्वारा 0 से 5 वर्ष तक उम्र के बच्चों में 12 तरह की बीमारियों से बचाव के लिए 11 टीके नि:शुल्क लगाए जाते हैं। लेकिन परिवारों के माइग्रेशन के चलते भी एंट्री नहीं हो पाती है। वहीं बड़ा कारण निजी क्षेत्र में हो रहे टीकाकरण की एंट्री पोर्टल में न होना है, जिसके लिए समय-समय पर निर्देश दिए जाते हैं।
-डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
कुछ ब्लॉक में कम टीकाकरण - पाटन, शहपुरा और सिहाेरा विकाखंडों में लक्ष्य से अधिक टीकाकरण हुआ है, जिसका कारण माइग्रेशन को बताया जा रहा है। कार्य के चलते कई परिवार माइग्रेशन करते हैं, जिसके कारण जहां होते हैं, वहीं के आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर टीका लगवाते हैं। एंट्री उसी विकासखंड के रिकॉर्ड में होती है। जबलपुर शहर में लक्ष्य के मुकाबले केवल 73 फीसदी टीकाकरण है, जोकि सभी विकासखंडों में सबसे कम है। इसकी वजह निजी क्लीनिकों-अस्पतालों में होने वाले टीकाकरण को बताया जा रहा है, जिसकी एंट्री पोर्टल पर नहीं हो रही है।
Created On :   13 Jun 2025 3:59 PM IST