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Jabalpur News: मनोरंजन के खेल में खतरों की अनदेखी, यहां संक्रमण को खुली छूट और सुरक्षा के नियम भी ताक पर

Jabalpur News: शहर के मॉल, निजी बिल्डिंग और स्कूलों में चल रहे गेमिंग जोन मनोरंजन की आड़ में बच्चों के लिए नया खतरा बन चुके हैं। दरअसल, गेम जोन्स की चकाचौंध के पीछे स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी कई खामियां हैं। खास तौर पर संक्रमण जैसे मामलों में यहां न कोई सावधानी है और न ही किसी तरह की फिक्र। गेम जोन्स को संक्रमण के लिए बेहद संवेदनशील इसलिए भी माना गया है क्योंकि सीट, हैंडल्स और टैब का इस्तेमाल एक बच्चे के बाद सीधे दूसरे बच्चे द्वारा कर लिया जाता है। नियम तो यह है कि एक प्लेयर के सीट छोड़ने के साथ ही पूरे सेटअप को सैनिटाइज किया जाना चाहिए।
स्कूलों में बने गेमिंग जोन भी सुरक्षित नहीं
कुछ निजी स्कूलों ने विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए कैंपस में छोटे गेमिंग जोन खोल रखे हैं। वहां भी सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। अधिकांश जगह सुरक्षा की अनदेखी है। मौसमी संक्रमण के दिनों में स्कूल प्रबंधन पैरेंट्स को सावधानी बरतने के मैसेज जरूर करते हैं लेकिन खुद स्कूलों मेंं इसकी अनदेखी की जाती है।
सेफ्टी के पैरामीटर भी गायब
केबल पर टेपिंग| एक गेम जोन में लगी मशीनों के करीब केबल काफी पुरानी हालत में नजर आए। यहां कई जगह टेपिंग भी दिखाई दी। जानकारों का कहना है इससे स्पार्किंग और आग का खतरा बढ़ जाता है।
फर्स्ट एड किट तक नहीं| बच्चों के गिरने या चोट लगने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं, मगर कई जगह प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बॉक्स तक नजर नहीं आए। इसके लिए कोई प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिला।
एंट्री-एग्जिट के रास्ते आसान नहीं| शहर के अधिकांश गेम में हर एक सेटअप प्लास्टिक मटेरियल के होते हैं। हैरानी वाली बात यह है कि इसमें एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते तो हैं लेकिन जिस सिचुएशन में जोन है वह सीधा और आसान नहीं। जाहिर है इससे खतरे का अंदेशा और बढ़ जाता है।
गाइडलाइन कुछ और ही कहती है
स्वच्छता- हर गेम मशीन और उपकरण को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाना चाहिए।
परिसर में हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर होने चाहिए। फर्श और दीवारों की नियमित सफाई भी जरूरी।
इलेक्ट्रिसिटी-सभी गेमिंग मशीनों की वायरिंग और कनेक्शन सुरक्षित और कवर हो।
किसी भी तार का खुला सिरा या गीला क्षेत्र नहीं होना चाहिए।
एक्स्ट्रा सेफ्टी- 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए अतिरिक्त देखरेख जरूरी।
गेम मशीनों पर आयु सीमा का उल्लेख होना चाहिए। रिस्की गेम्स पर चेतावनी जरूरी।
फायर सेफ्टी- हर गेम जोन में फायर एक्सटिंग्विशर अनिवार्य है। स्टाफ को फायर सेफ्टी ट्रेनिंग जरूरी।
इमरजेंसी एग्जिट सीधा, आसान होने के साथ संकेतक भी होने चाहिए।
निगरानी, नियंत्रण- पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी जरूरी और मॉनीटरिंग कंट्रोल
सुरक्षा गार्ड की तैनाती जरूरी, एक्सपर्ट की मौजूदगी भी अनिवार्य।
वेंटिलेशन और क्राउड कंट्रोल- गेम जोन में पर्याप्त वेंटिलेशन और क्राउड कंट्रोल के उपाय होने चाहिए।
बीमार बच्चों या खांसी जुकाम वाले खिलाड़ियों को खेलने से रोका जाए।
Created On :   7 Oct 2025 5:32 PM IST