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Jabalpur News: 110 पोस्ट डाॅक्टर्स की, हकीकत में हैं सिर्फ 50 टेक्नीशियन और नर्सिंग स्टाफ भी आधे से कम

- ऐसी है खुद सुपर स्पेशलिटी की सेहत: अस्पताल के विस्तार के लिए तैयार हो रही डीपीआर
- अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के 165 पद स्वीकृत हैं और इतने स्टाफ की जरूरत और है
- प्रबंधन के अनुसार विस्तार के लिए नर्सिंग कॉलेज से जुड़ी जगह चिन्हित की गई है।
Jabalpur News: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की सांसें मरीजों के दबाव के आगे फूल रही हैं, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में सृजित किए गए पद भी अब तक नहीं भर सके हैं। वर्ष 2019 में शुरू हुए अस्पताल में अब डॉक्टरों के आधे पद खाली हैं। यहां डॉक्टरों के 110 पद स्वीकृत हैं, जिन पर 50 डॉक्टर काम कर रहे हैं। नर्सिंग और टेक्नीकल में भी चौकाने वाले हालात है।
अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के 165 पद स्वीकृत हैं और इतने स्टाफ की जरूरत और है, वहीं सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर (एसआर) के 51 पद हैं, जो कि 80 फीसदी भरे हुए हैं। वर्तमान में आ रहे मरीजों के लिए मौजूदा मानव संसाधन पर्याप्त नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि अस्पताल के विस्तार और मरीजों की संख्या को देखते हुए सृजित पदों के मुकाबले दोगुने मानव संसाधन की आवश्यकता है।
बता दें कि वर्तमान में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन न्यूरोसर्जरी को मिलाकर 300 के करीब बेड हैं। जबलपुुर समेत पूरे महाकौशल क्षेत्र से अस्पताल की ओपीडी रोजाना 350 से 550 मरीज आते हैं।
एक्सटेंशन के लिए डीपीआर बन रहा
प्रबंधन के अनुसार विस्तार के लिए नर्सिंग कॉलेज से जुड़ी जगह चिन्हित की गई है। पीडब्ल्यूडी द्वारा डीपीआर तैयार किया जा रहा है। डीपीआर को स्वीकृति के लिए भाेपाल भेजा जाएगा। विस्तार के साथ अस्पताल में गेस्ट्रोएंटरोलॉजी ब्रांच भी शुरू करने का विचार है, ताकि भविष्य में लीवर ट्रांसप्लांट की नींव रखी जा सके। वर्तमान में सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट ही हो रहा है। इसके अलावा कार्डियोलॉजी विभाग को भी और एडवांस किया जाएगा।
नया भवन बनने से
मरीजों के लिए ज्यादा बेड उपलब्ध होंगे
विभिन्न विभागों को भी विस्तार मिलेगा
ओपीडी की संख्या बढ़ेगी
विभिन्न जांच संबंधी कक्षों की संख्या बढ़ेगी
वर्तमान स्थिति
डॉक्टरों के 110 पद स्वीकृत हैं, इसके मुकाबले करीब 50 डॉक्टर ही हैं।
सफाई और सिक्योरिटी के लिए आउट सोर्स के 100 कर्मचारी हैं, इनकी संख्या भी कम है।
नर्सिंग के 165 पद सेंक्शन हैं, जिसके मुकाबले 160 पद भरे हैं। लगभग इतने की और जरुरत।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंसी इन न्यूरोसर्जरी भी सुपरस्पेशलिटी के दायरे में, यहां भी स्टाफ की साझेदारी।
टेक्नीशियन की कई पोस्ट हैं ही नहीं
कार्डियक सर्जरी, न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी से जुड़े कुछ टेक्नीशियन्स के पद अस्पताल में सृजित नहीं किए गए। उदाहरण के लिए कार्डियक सर्जरी में आवश्यक परस्यूजन टेक्नीशियन का पद ही नहीं है। इसी तरह न्यूरो सर्जरी और न्यूरोलॉजी ईईजी टेक्नीशियन और नर्व कंडेक्शन स्टडी टेक्नीशियन की जरूरत होती है, जिसका पद सृजित ही नहीं किया गया।
ईईजी करने के लिए अभी नर्सिंग स्टाफ को ट्रेनिंग देकर काम चलाया जा रहा है। वर्तमान में लग रही सीटी स्कैन मशीन के संचालन के लिए भी टेक्नीशियन नहीं है। आउटसोर्स से काम चलाना होगा।
खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी
डॉक्टरों के खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। शीघ्र ही चिकित्सकों के 6 पद और भरे जाएंगे, इसके लिए इंटरव्यू जल्द होने हैं। इसके अलावा सीनीयर रेसीडेंट के 20 पद हाल ही में भरे गए हैं। नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता के लिए पत्र लिखा गया है। विस्तार के लिए डीपीआर भी तैयार हो रहा है।
-डॉ. अवधेश प्रताप सिंह कुशवाहा, डायरेक्टर, सुपरस्पेशलिटी
Created On :   19 May 2025 6:47 PM IST