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जल्द ही हेलीकॉप्टर के मालिक बनेंगे बस्तर के किसान राजाराम त्रिपाठी

- युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने के लिए रोल मॉडल की जरूरत
- उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के हैं मूल निवासी
- सामान्य तरीके से नहीं हो पाता सही छिड़काव
डिजिटल डेस्क, मुंबई. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर जिले के कोंडागांव केडॉ. राजाराम त्रिपाठी जल्द ही देश के पहले ऐसे किसान होंगे जिनके पास हेलीकॉप्टर होगा। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित हेलीकॉप्टर निर्माता कंपनी रॉबिन्सन से त्रिपाठी ने चार सीटर हेलीकॉप्टर के लिए बातचीत की है। दिल्ली स्थित फ्रीटाइम कंपनी के जरिए यह सौदा होगा और पांच साल के लिए रखरखाव की जिम्मेदारी फ्रीटाइम पर होगी। इसका अनुमानित खर्च करीब सात करोड़ रूपए होगा।
खेती में हेलिकाफ्टर का करेंगे इस्तेमाल
त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही वे बेटे के साथ हेलीकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी लेंगे।स्टीविया, कालीमिर्च, सफेद मुसली, हल्दी, काला चावल, ऑस्ट्रेलियन टीक आदि खेती के जरिए अपने साथ बस्तर के सैकड़ों किसानों की किस्मत बदलने वाले त्रिपाठी ने कहा कि वे घूमने फिरने के लिए हेलीकॉप्टर नहीं ले रहे हैं बल्कि इसमें कुछ उपकरण लगाकर इसका इस्तेमाल कीटनाशकों के छिड़काव के लिए करेंगे। त्रिपाठी करीब 700 एकड़ में हर्बल खेती करते हैं साथ ही इलाके के 400 किसान भी सामूहिक खेती करते हैं। मां दंतेश्वरी हर्बल फॉर्म एवं रिसर्च सेंटर के प्रमुख डॉ राजाराम त्रिपाठी बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए बड़े इलाके में आसानी से कीटनाशक, बीज आदि का छिड़काव किया जा सकता है। यह हेलीकॉप्टर सभी किसानों का होगा। उन्होंने कहा कि कभी-कभार कहीं आने जाने के लिए भी इसका इस्तेमाल करूंगा।
सामान्य तरीके से नहीं हो पाता सही छिड़काव
त्रिपाठी ने बताया कि किटनाशकों के छिड़काव का सामान्य तरीका कई बार इसलिए कारगर नहीं हो पाता क्योंकि कुछ हिस्से छूट जाते हैं और वही बचे कीड़े फिर फसल खराब करने लगते हैं। अमेरिका, यूरोप के किसान सामूहिक रूप से हेलीकॉप्टर किराए पर लेकर कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। मैं भारत में भी इसे शुरू करना चाहता हूं। बड़े पैमाने पर किसान साथ आएंगे तो खर्च उतना ही होगा जितना सामान्य तरीके से कीटनाशकों के छिड़काव में होता है। उन्होंने कहा कि हमारे इलाके में धान और कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इसके लिए हेलीकॉप्टर से छिड़काव बेहद कारगर साबित हो सकता है। दवाओं का सही तरीके से छिड़काव न होने के चलते देश में 2 से 3 लाख करोड़ रुपए की फसलों का नुकसान होता है। ड्रोन का विकल्प है लेकिन किसानों के लिए इसे चलाना सीखना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए तीन जिलों के किसानों के खेतों में कीटनाशक छिड़काव की योजना है। इसके लिए सरकार से बात करूंगा।
युवाओं को देना चाहता हूं प्रेरणा
राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि मैं किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनना चाहता हूं। एक किसान हेलीकॉप्टर से चलेगा तो दूसरे युवा इससे प्रेरित होकर व्यावसायिक खेती का रुख करेंगे। इस देश के 54 करोड़ युवाओं को रोजगार देना है तो खेती को फायदेमंद बनाना एकमात्र तरीका है। मूल रुप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के पट्टीप्रेमधर के रहने वाले डा त्रिपाठी कहते हैं कि घर-घर खाना पहुंचाने वाली कंपनियां युवाओं का भविष्य नहीं बना सकतीं। मैं युवाओं के लिए आईकॉन बनना चाहता हूं। देश में खेती की समृद्धि के लिए कुछ अच्छे रोल मॉडल की जरूरत है।
Created On :   2 July 2023 5:34 PM IST