- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- एक मैनेजर को दुष्कर्म के मामले में...
एक मैनेजर को दुष्कर्म के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
- आपसी सहमति से संबंध
- गंभीर अपराध मानने से इनकार
- बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक कंपनी के मैनेजर को उसकी सहकर्मी रही महिला के लगाए गए दुष्कर्म के आरोप को अस्वीकार करते हुए उसे अग्रिम जमानत दे दी। अदालत ने प्रथम दृष्टि पाया कि याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए गए। इस मामले में जोर जबर्दस्ती या झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप में सच्चाई नहीं है। न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकलपीठ के समक्ष शुक्रवार को मैनेजर की ओर से वकील चित्रा सालुंखे और वकील गणेश गुप्ता की दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। वकील गणेश गुप्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता एक कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्यरत था. शिकायतकर्ता उसी कंपनी में याचिकाकर्ता के सहयोगी थी। दोनों एक दूसरे के करीब आए। फरवरी 2017 से 7 फरवरी 2023 तब दोनों एक दूसरे से रिलेशन में थे। शिकायतकर्ता को पहले से ही पता था कि याचिकाकर्ता शादीशुदा है। इसके बावजूद उसने उसके साथ संबंध बनाए रखा। याचिकाकर्ता ने ठाणे में अपनी कंपनी बनाई, तो उसमें शिकायतकर्ता उसके साथ सहकर्मी थी। बाद में वह नाशिक में चला गया और वहां कारोबार करने लगा। यहीं से उनके बीच संबंध में खटास आ गयी। 15 अप्रैल को उनके खिलाफ मुलुंड पुलिस स्टेशन में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने याचिकाकर्ता को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया, तो उसे गिरफ्तारी का डर सताने लगा। वह सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की। सेशन कोर्ट ने 17 जून को उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद उसने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर किया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पर दुष्कर्म के झूठे आरोप लगा हैं। उसमें पिछले पांच से साल से संबंध थे। दोनों ने आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। इसमें शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप गलत है। शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता को ब्लैकमेल करने के लिए दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में दुष्कर्म के कोई सबूत नहीं है। पुलिस को हिरासत में लेकर याचिकाकर्ता से पूछताछ करने का कोई कारण नहीं है।
Created On :   2 July 2023 8:53 PM IST