पशुओं के परिवहन के दौरान क्रूरता पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त

पशुओं के परिवहन के दौरान क्रूरता पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त
  • पशुओं के परिवहन के दौरान क्रूरता पर कोर्ट सख्त
  • परिवहन विभाग को 12 जून को जारी उसके सर्कुलर को कड़ाई से पालन करने का निर्देश
  • पशुओं के परिवहन को लेकर दायर जनहित याचिका सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को पशुओं के परिवहन नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। परिवहन विभाग ने सोमवार को अदालत में हलफनामा दायर कर बताया कि बकरीद के दौरान पशुओं के परिवहन नियमों का पालन करने के लिए 12 जून को सर्कुलर जारी किया। इसमें राज्य भर के सभी परिवहन अधिकारी, उप अधिकारी और चेक पोस्ट तैनात प्रभारी अधिकारियों को बकरीद पर पशुओं के परिवनह को लेकर अनिवार्य मानदंडों का पालन करने को आदेश दिया गया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील सिद्ध विद्या पेश हुईं। जनहित याचिका में पशुओं के परिवहन को लेकर केंद्रीय मोटर वाहन नियम 2015 और 2016 के नियम 125 (ई) के पालन की मांग की गई है। एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय वाहनों में क्रूरता से पशुओं को ठूसा जाता है। इसके लिए अनिवार्य मानदंडों का पालन करने में विफल रहने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (पीसीए) के तहत कार्रवाई नहीं की जा रही है। कुछ जानवरों को जानबूझकर घायल किया गया है, जिससे उनकी उपयोगिता न होने के कारण उन्हें वध के योग्य प्रमाणित किया जा सके। वाहन आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होते हैं। याचिका में अदालत के दिए आदेश और बकरीद के समय पशुओं के परिवहन के लिए राज्य परिवहन विभाग की ओर से जारी सर्कुलर का पूरी तरह से पालन करने की मांग की गयी है।

परिवहन विभाग के सर्कुलर के मुताबिक पशुओं को ले जाने वाले मोटर वाहनों में स्थायी रूप से विभाजन होंगे, जिससे पशुओं को प्रत्येक विभाजन में व्यक्तिगत रूप से ले जाया जा सकेगा। जिस वाहन में पशुओं को ले जाया जाता है, तो उसमें किसी अन्य सामान को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी उपनियम के प्रावधानों के अनुसार संशोधित वाहन नियम के आधार पर पशुओं को ले जाने वाले वाहनों के लिए विशेष लाइसेंस जारी करेगा। यह नियम में किसानों के पशुओं को ले जाने वाले वाहनों पर लागू नहीं होगा।

पिछले दिनों अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि जानवरों को ले जाने वाले और वध के लिए पशुओं को ले जाने वाले वाहनों के संबंध में एक सूची बनाई जाए। इस सूची को पुलिस को दी जाए। फ्रीवे, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर निगरानी रखनी होगी। विशेष रूप से फ्लैटों और घरों में जानवरों के वध को न केवल दंडात्मक कार्रवाई, बल्कि जागरूकता अभियान और सामाजिक संदेश के माध्यम से भी रोका जा सकता है।

Created On :   14 Jun 2023 10:04 PM IST

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