शोक में डूबे परिवार का साहसिक फैसला, तीन साल के मासूम ने दी 4 लोगों को नई जिंदगी

शोक में डूबे परिवार का साहसिक फैसला, तीन साल के मासूम ने दी 4 लोगों को नई जिंदगी
  • अंगदान महादान
  • शोक में डूबे परिवार का साहसिक फैसला
  • परिजनों की सहमति पर बच्चे का हृदय, किडनी और लिवर दान किया गया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। तीन साल के बच्चे के अंगदान से 4 लोगों को नई जिंदगी मिली है। हादसे में घायल मासूम को इलाज के लिए वाडिया अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों की लाख कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। वह ब्रेन डेड हो गया। अंगदान करनेवाला 3 साल का यह मासूम मुंबई का तीसरा सबसे कम उम्र डोनर है। इससे पहले दो साल के इवान और 18 महीने की बच्ची का भी अंगदान हो चुका है। अस्पताल कर्मियों ने 11 जून को सलामी देते हुए मासूम को अंतिम विदाई दी।

वाडिया अस्पताल के मुताबिक 3 साल का मासूम डोंबिवली में घर के बाहर बड़े भाई के साथ खेल रहा था। अचानक बाइक उसके ऊपर गिर गई। सिर में चोट लगने के कारण वह बेहोश हो गया। इलाज के लिए उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। बाद में वाडिया अस्पताल लाया गया। आंतरिक रक्तस्राव के कारण अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे की सर्जरी की। बच्चे की स्थिति गंभीर बनी रही। 9 जून को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। शोक में डूबे परिवार ने मासूम के अंगदान का साहसिक फैसला किया।

दुख की घड़ी में दिखाई हिम्मत

वाडिया ग्रुप ऑफ अस्पताल की सीईओ डॉ. मिन्नी बोधनवाला ने कहा कि दु:ख की घड़ी में परिजनों ने दरियादिली दिखाई। अभिभावकों की सहमति पर बच्चे की किडनी, हृदय और लिवर दान की गई। ब्रेन डेड के बाद शरीर का कोई अंग फेल न हो, इसके लिए डॉक्टरों की टीम 24 घंटे सतर्क रही।

हर दिन 15 लोगों की मौत

डॉ. मिन्नी ने कहा कि अंग की कमी के कारण हर दिन 15 लोगों की जान चली जाती है। दुर्भाग्य से, पिछले 2 वर्षों में अन्य राज्यों की तुलना में अंग दान में महाराष्ट्र पिछड़ गया है। इस वर्ष राज्य में सिर्फ यह 20 वां अंगदान है।

Created On :   13 Jun 2023 6:41 PM IST

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