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सावधानी : राज्य के 4067 गांवों में बाढ़-मानसूनी बीमारी का खतरा बना, प्रत्येक जिले ने की सूची तैयार
- गांवों में बाढ़-मानसूनी बीमारी का खतरा
- पुणे में हैं सबसे ज्यादा गांव
- स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में मानसून का आगमन होने के साथ ही मानसूनी बीमारी का प्रकोप, बाढ़ आदि का खतरा बढ़ गया है। हालांकि इन संभावित खतरों से निपटने की तैयारी में प्रशासन पहले से ही जुट जाता है। इसी के तहत प्रत्येक जिलों में तैयार की गई सूची में राज्य में 4067 गांवों पर बाढ़ और मानसूनी बीमारियों का खतरा बना हुआ है। सबसे अधिक खतरा मुंबई से सटे ठाणे, पुणे, कोल्हापुर और औरंगाबाद जिले में है। तेज रारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस, जापानी दिमागी बुखार, चंड़ीपुरा दिमागी बुखार, डेंगू जैसी विभिन्न बीमारियां भी विभिन्न हिस्सों में फैल जाती हैं। इन महामारी संबंधी बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक जिले में जोखिमग्रस्त गांवों की सूची तैयार की है। इन गांवों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए राज्य भर में 423 रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को तैयार रखा गया है। साथ ही 4180 स्वास्थ्य कर्मचारियों को बीमारियों से और 19171 कर्मचारियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
डोर टू डोर स्क्रीनिंग
रैपिड रिस्पॉन्स टीम के साथ समन्वय के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यह नियंत्रण कक्ष जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर स्थापित किए गए हैं। साथ ही प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी के लिए पाक्षिक सर्वेक्षण कैलेंडर तैयार किया गया है तथा डोर टू डोर स्क्रीनिंग के दौरान जलजनित एवं कीटजनित रोगों के मरीजों की खोज की जा रही है।
सबसे अधिक खतरा पुणे में
प्रत्येक जिले द्वारा तैयार किए गए जोखिमग्रस्त गांवों में सबसे अधिक पुणे डिविजन में हैं। खतरेभरे 4 हजार 67 गांवों में से पुणे डिवीजन में 702, कोल्हापुर डिवीजन में 645, ठाणे डिवीजन में 569, औरंगाबाद डिवीजन में 522, लातूर डिवीजन में 504, नासिक डिवीजन में 410, नागपुर डिवीजन में 401, अकोला डिवीजन में 314 गांव शामिल हैं।
मुंबई में खतरा नहीं
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मुंबई शहर और उपनगरीय इलाकों में एक भी खतरेभरे इलाके नहीं है जहां बाढ़ और मानसूनी बीमारी के फैलने का खतरा दिखाई देता हो। मुंबई से सटे ठाणे में 206, पालघर में 273, रायगड में 90 और कल्याण में एक गांव है, जहां बाढ़ और मानसूनी बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
डॉ. बबीता कमलापुरकर, सर्विलांस अधिकारी- राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मानसून के दौरान गढ़चिरौली, चंद्रपुर, गोंदिया जिलों में मलेरिया, विदर्भ के कई जिलों में जापानी और चंड़ीपुरा दिमागी बुखार, कोंकणपट्टी जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस, शहरी क्षेत्रों में डेंगू बीमारी का प्रकोप बना रहता है। इसके अनुरूप राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में जल जनित एवं कीट जनित बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
गांवों को मिलेगी तत्काल सहायता
423 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें राज्य भर में
4180 स्वास्थ्य कर्मचारियों को बीमारियों से बचाव को प्रशिक्षित किया
19171 कर्मचारियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने को प्रशिक्षित किया
Created On :   7 July 2023 6:05 PM IST