केंद्र सरकार फर्जी खबरों के खिलाफ फैक्ट चेक यूनिट को 4 सितंबर तक नहीं करेगा अधिसूचित

केंद्र सरकार फर्जी खबरों के खिलाफ फैक्ट चेक यूनिट को 4 सितंबर तक नहीं करेगा अधिसूचित
  • सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बॉम्बे हाईकोर्ट को किया सूचित
  • 31 अगस्त और 1 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया कि वह सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर फर्जी सामग्री को चिह्नित करने के लिए हाल ही में संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत 'फैक्ट चेक यूनिट' (एफसीयू) को 4 सितंबर तक अधिसूचित नहीं करेगा। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र द्वारा नियमों को सही ठहराने के लिए अपनी दलीलें पेश करने के लिए अदालत के निर्धारित पहले की तारीखों को स्थगित करने की मांग की। याचिका में संशोधित आईटी नियमों को मनमाना और असंवैधानिक बताया गया है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि सरकार के संशोधित आईटी नियमों का नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर भयानक प्रभाव पड़ेगा।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पूरी कर ली है, जिसके बाद अदालत ने मेहता की बहस के लिए मामले को 27 और 28 जुलाई के लिए दिन निर्धारित किया था। शुक्रवार को मेहता ने अदालत से मामले को अगस्त के अंत में स्थगित करने की मांग की। मेहता ने कहा कि उनकी कठिनाई यह है कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक खंडपीठ 2 अगस्त से अनुच्छेद 370 (जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता है) से संबंधित मामलों में दलील सुनना शुरू करेगी। उन्हें इसके लिए कुछ तैयारी करनी है। इसके बाद खंडपीठ ने मेहता की मांग को स्वीकार कर मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अगस्त और 1 सितंबर रखा है।

इस साल 6 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में कुछ संशोधनों की घोषणा की, जिसमें फर्जी, गलत या भ्रामक ऑनलाइन सामग्री को चिह्नित करने के लिए एक तथ्य-जांच इकाई का प्रावधान भी शामिल है। तीन याचिकाओं में अदालत से संशोधित नियमों को असंवैधानिक घोषित करने और सरकार को नियमों के तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई।

Created On :   21 July 2023 8:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story