Mumbai News: महाराष्ट्र में सरकार ने 42 हजार से अधिक लोगों के जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए

महाराष्ट्र में सरकार ने 42 हजार से अधिक लोगों के जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए
  • भाजपा नेता किरीट सोमैया का दावा
  • 95 फीसदी मुस्लिम लोग

Mumbai News भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र में सामने आए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सोमैया का दावा है कि राज्य सरकार ने पिछले दो महीनों में महाराष्ट्र भर से 42 हजार 189 लोगों के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए हैं। खबर है कि जिन लोगों के प्रमाण पत्र रद्द किये गए हैं उनकी उम्र 25 से 65 वर्ष के बीच है। इन प्रमाण पत्रों को बनाने में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा अकोला जिले में हुआ है। सरकार ने करीब 11 हजार लोगों से मूल जन्म प्रमाण पत्र वापस भी ले लिए हैं।

किरीट सोमैया ने दैनिक भास्कर को बताया कि यह घोटाला राज्य के कई जिलों में फैला हुआ है, जिसमें अकोला और अमरावती जैसे जिले केंद्र में हैं। अकोला में 6 हजार 122, गडचिरोली में 3 हजार 904, जालना में 3 हजार 533 और अमरावती में 3 हजार 434 लोगों ने फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए। राज्य सरकार ने अभी तक 25 जिलों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों की संख्या जारी की है। मुंबई उपनगर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने के 16 मामले सामने आए हैं। जबकि मुंबई शहर के आंकड़े सरकार ने अभी जारी नहीं किए हैं। सोमैया ने कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे खतरनाक घोटाला है जिसमें 95 फीसदी मुस्लिम समुदाय से हैं। फर्जी कागजात से जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में सबूतों के आधार पर अकोला जिले के 52 लोगों के खिलाफ छह एफआईआर दर्ज की गई हैं। सोमैया का कहना है कि नायब तहसीलदारों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर इन फर्जी प्रमाण पत्रों को जारी किया, उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

कैसे हुई कार्रवाई? : महाराष्ट्र में जन्म प्रमाण पत्र घोटाले की शुरुआत साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले हुई थी। इसकी शिकायत उस समय किरीट सोमैया ने अलग-अलग जिलों में जिलाधिकारियों से की थी। मामला गंभीर होता देख राज्य सरकार ने इस मामले की जांच विशेष जांच समिति (एसआईटी) से कराने के आदेश दिए थे। जनवरी 2025 में एसआईटी का गठन किया गया जो इस घोटाले और फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। हाल ही में विधानमंडल के मानसून सत्र में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विधानसभा में ठेकेदारों और डेवलपर्स को बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी पर नहीं रखने के निर्देश दिए थे।


Created On :   25 July 2025 7:36 PM IST

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