बीएमसी प्रशासन को भाए भ्रष्ट और निलंबित अधिकारी, कोविड ड्यूटी के नाम पर किया बहाल

बीएमसी प्रशासन को भाए भ्रष्ट और निलंबित अधिकारी, कोविड ड्यूटी के नाम पर किया बहाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगरपालिका ने गंभीर अपराधों में निलंबित किए गए 116 अधिकारियों को कोविड ‘ड्यूटी' के नाम पर बहाल कर दिया है। इनमें से अधिकतर अधिकारी रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों पकड़े गए थे।

आरटीआई एक्टिविस्ट जितेंद्र घाडगे ने बताया कि बीएमसी ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट विभाग में 53, सिटी इंजीनियरिंग विभाग में 23, जल, सुरक्षा और अग्निशमन विभाग में छह-छह, स्वास्थ्य विभाग में 17 और तीन अस्पतालों के छह अधिकारियों सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना ड्यूटी के नाम पर बहाल कर उपकृत किया है। जितेंद्र ने सवाल उठाया कि क्या बीएमसी प्रशासन को भ्रष्ट अधिकारी इतने भा गए हैं कि उनके गंभीर अपराधों को नजरअंदाज कर ड्यूटी पर बहाल कर लिया।

घाडगे ने कहा कि यह चिंताजनक मामला है कि भ्रष्ट अधिकारी कोविड महामारी के खत्म होने के बाद भी कोविड ड्यूटी की आड़ में अब भी ड्यूटी कर रहे हैं। बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोपों के बाद भी बीएमसी प्रशासन उन्हें पिछले दरवाजे से प्रवेश देने की कोशिश कर रही है।

‘द यंग व्हिसलब्लोअर्स फाउंडेशन’ के कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे के अनुसार, "बीएमसी निलंबित अधिकारियों को फिर से काम पर रखने का मुख्य कारण यह है कि उन्हें पहले से ही आधा वेतन दिया जा रहा है। निलंबित अधिकारियों को आधा वेतन देने के बजाय नए अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए, जिससे बेरोजगार युवा उम्मीदवारों को रोजगार के अवसर मिल सकें।’

रवि राजा, पूर्व विरोधी पक्ष नेता-मनपा के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान बीएमसी को कर्मचारी नहीं मिल रहे थे। उस समय निलंबित अधिकारियों को कोविड ड्यूटी पर लगाया गया था। अब कोविड का संक्रमण खत्म हो चुका है। मनपा प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। जिन्हें कोविड ड्यूटी के नाम पर बहाल किया गया था, उन्हें तुरंत काम पर से हटाया जाना चाहिए।

जितेंद्र घाडगे, आरटीआई एक्टिविस्ट के मुताबिक बीएमसी प्रशासन आरटीआई नियमों का हवाला देकर रिश्वतखोर अधिकारियों के नाम देने से इनकार कर रही है। बीएमसी की यह नीति अपने लोगों को बचाने की है। इससे मनपा में करप्शन कम होने की जगह बढ़ेगा। ऐसे अधिकारियों को हतोत्साहित करने के बदले उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है।

केस चल रहा, फिर भी मनपा में मिली एंट्री

मुंबई महानगर पालिका के जिन अधिकारियों पर एंटी करप्शन ब्यूरो में केस चल रहा है, उन्हें पिछले दरवाजे से मनपा में एंट्री दी गई। इन अधिकारियों में से सबसे अधिक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अधिकारी रिश्वतखोरी में पकड़े गए थे। दूसरे नंबर पर शहर इंजीनियरिंग विभाग के इंजीनियर हैं, जिन्हें एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। मनपा जल विभाग के 6 इंजीनियर, कार्यकारी स्वास्थ्य विभाग के 17, केईएम अस्पताल के 2, नायर अस्पताल के 2, सायन अस्पताल के 2 अधिकारी गिरफ्तार किए गए थे। सायन अस्पताल के असिस्टेंट डीन डॉक्टर वर्मा को अस्पताल छात्रों को पास करने के एवज में लाखों रुपए वसूलने के आरोप में जेल हुई थी।

Created On :   10 May 2023 8:49 PM IST

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