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कोविड घोटाला : ईडी ने युवासेना के सूरज चव्हाण से साढ़े आठ घंटे तक की पूछताछ
- जंबो सेंटर में भ्रष्टाचार कर पैसा कमाने का आरोप
- चैट से मिली जानकारी
- अधिकारियों पर डाला था दबाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अखिलेश तिवारी। कोरोना महामारी के दौरान जंबो कोविड सेंटर बनाने को लेकर हुए कथित करोड़ों रुपए के घोटाले में फंसे युवा सेना के सचिव और आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साढ़े आठ घंटे तक पूछताछ की। सूरज चव्हाण को ईडी आगे जब भी समन करेगी, उन्हें फिर से प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर होना होगा।
व्हाट्सएप चैट से मिली जानकारी
सूरज चव्हाण 12.30 बजे के करीब बैलार्ड पियर स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे। सूरज तनाव ग्रस्त दिखाई दे रहे थे। ईडी ने घोटाले से जुड़े पचास से ज्यादा सवाल किए। जांच एजेंसी को सूरज चव्हाण के व्हाट्सएप चैट मिले हैं, जिसमें उन्होंने कई ठेकेदार और उपकरण आपूर्ति करने वाले से पैसे के बारे में चैट की है। ईडी को जांच में सूरज चव्हाण के पांच फ्लैट की जानकारी मिली है, जो मुंबई उपनगर के अलग-अलग इलाके में मौजूद हैं। जिनकी बाजार में कीमत 10 करोड़ से भी ज्यादा है।
सूत्रों के मुताबिक, ये सभी फ्लैट कोरोना महामारी के दौरान खरीदे गए थे। ये पैसे कहां से आए, ईडी इस लिंक का पता लगा रही है।15 जून को जब मुंबई और ठाणे के 15 जगहों पर ईडी के छापे पड़े थे, तब अधिकारियों ने सूरज चव्हाण के घर पर 17 घंटे छापेमारी कर बहुत से दस्तावेज जुटाए थे। ईडी ने छापेमारी के दौरान 68 लाख रुपये नदक और 2.4 करोड़ रुपये के आभूषण बरामद किए थे। कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए थे।
अधिकारियों पर डाला था दबाव
चव्हाण ने कथित तौर पर लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज और सुजीत मुकुंद पाटकर, डॉ. हेमंत रामशरण गुप्ता, संजय मदनलाल शाह और राजू नंदकुमार सालुंखे को ठेका दिलवाने में अधिकारियों पर दबाव डाला था, जिसे कोरोना के दौरान जंबो कोविड केंद्र स्थापित करने के लिए बीएमसी द्वारा ठेका दिया गया था। एनएसईएल, वर्ली, मुलुंड, दहिसर (मुंबई में) और पुणे में सीओवीआईडी केंद्र स्थापित करने के लिए लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज को अत्यधिक दरों पर ठेके दिए गए थे, जिनके पास स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्य करने का कोई पूर्व अनुभव नहीं था।
अमेय घोले ने ट्वीट कर लगाए थे कथित आरोप
उद्धव ठाकरे गुट से हाल ही में अलग हुए अमेय घोले ने ट्वीट कर कथित आरोप लगाया था कि सूरज चव्हाण की इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कोविड के दौरान चेंबूर जिमखाना में कौन- कौन से ठेकेदारों से मुलाकात होती थी। पाटकर और उनके तीन सहयोगियों ने कोरोना महामारी के दौरान कोविड-19 फील्ड अस्पतालों के प्रबंधन के लिए मुंबई नगर निकाय के ठेके कथित तौर पर फर्जी तरीके से हासिल किए। मुंबई पुलिस ने पिछले साल अगस्त में लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज फर्म, पाटकर और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था।
Created On :   26 Jun 2023 10:23 PM IST