चुनाव में जासूसी: लोकसभा चुनाव में बढ़ी जासूसी एजेंसियों की मांग, प्रतिद्विंदियों की गतिविधियों पर नजर

लोकसभा चुनाव में बढ़ी जासूसी एजेंसियों की मांग, प्रतिद्विंदियों की गतिविधियों पर नजर
  • हमारे कार्यकर्ता ही जासूस
  • बढ़ी जासूसी एजेंसियों की मांग
  • जासूसी एजेंसियों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अखिलेश तिवारी। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद धीरे धीरे चुनावी गतिविधियां तेज हो रही हैं। चुनाव में उम्मीदवार एक दूसरे पर नजर रखने और उनकी चुनावी रणनीति में सेंध लगाने के लिए जासूसों को भी सेवाए ले रहे हैं। इससे जासूसी एजेंसियों का काम भी बढ़ गया है।

डिटेक्टिव एजेंसियों से जुड़े लोगों की माने तो पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस साल जासूसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। चुनावी सरगर्मी तेज होने के साथ ही शहर की जासूसी एजेंसियों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। इनका इस्तेमाल अपने प्रतिद्विंदी उम्मीदवारों की गतिविधियों पर नजर रखने और उनकी रणनीति जानने के लिए किया जाता है। इसके अलावा उम्मीदवार उन पर नजर रखना चाहते है जो टिकट की रेस में थे पर उन्हें उम्मीदवारी नहीं मिली। ऐसे नेता टिकट पाने वाले के खिलाफ अंदरखाने कोई साजिश तो नहीं रच रहे। उन पर नजर रखने के लिए भी डिटेक्टिव एजेंसी की सेवाए ली जाती हैं।

लोटस डिटेक्टीव के प्रमुख उत्पल चौधरी ने बताया कि हमारे पास काम आने शुरू हो गए है कैंडिडेट अपनी विरुद्ध चुनाव लड़ने वाले के उम्मीदवार की हर हरकत पर रिपोर्ट चाहते हैं हम अपनी तीसरी आंख का इस्तेमाल फंडर पर रखते है कौन किस तरह से मदद कर रहा है, पैसा और शराब बांटने का काम कहा चल रहा है। चुनाव जीतने के लिए क्या रणनीति बनाई जा रही है इन बातों का ब्यौरा हमें अपने क्लाइंट को देना होता है।


जानीमानी महिला जासूस रजनी पंडित ने बताया कि चुनाव में अभी दो महीने का वक्त बचा हुआ है लेकिन इन्क्वारी आनी शुरू हो गयी है। ज्यादातर की मांग प्रतिद्विंदी उम्मीदवार की जानकारी जुटाने की होती है। उम्मीदवार की रैली में कितने लोग जुटे थे। उन्हे कैसे जुटाया गया था। वे रियल कार्यकर्ता थे या फिर भाड़े की भीड़ इक्क्ट्ठा की है थी? जैसी जानकारी की डिमांड होती है। एक कैंडिडेट के क्षेत्र को कवर करने के लिए कभी कभी 10 से 15 लड़के -लड़कियों कोई जासूसी के लिए तैनात किया जाता है। दिन के हिसाब से हम 5 हजार से लेकर 8 हजार तक भी चार्ज करते है।

हमारे कार्यकर्ता ही जासूस

पूर्व विधायक व शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने बताया कि चुनाव में जासूस हायर वाली बात यकीन से परे है मैंने खुद दो इलेक्शन लड़ा है ,बाकी भी मैंने बड़े उम्मीदवारों का इलेक्शन संभाला है लेकिन ऐसा कोई वाक्या मेरे सामने नहीं आया है।हमारे कार्यकर्त्ता जासूस से ज्यादा इन्फॉर्मेशन हमें दे देते है।

महेशचंद शर्मा, जीडीएक्स डिटेक्टिव्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक ने बताया कि 'किसी के चुनाव अभियान को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले छिपे हुए आपराधिक रिकॉर्ड, घोटालों, अवैध संबंधों और इससे संबंधित वीडियो या भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित रणनीतियों और सूचनाओं को जानने के लिए जासूसों को नियुक्त करना हमेशा एक प्रमुख रणनीति रहा है'


Created On :   10 April 2024 1:30 PM GMT

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