Mumbai News: बच्चू कडू के बिगड़े बोल - किसान आत्महत्या करने की बजाय विधायकों को काट डालें

बच्चू कडू के बिगड़े बोल - किसान आत्महत्या करने की बजाय विधायकों को काट डालें
  • प्रहार पार्टी के अध्यक्ष के बयान से पैदा हुई विवाद
  • किसान आत्महत्या करने की बजाय विधायकों को काट डालें
  • राजनीति नहीं किसानों के आंसू पोंछने की जरूरत-कृषि मंत्री

Mumbai News. प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष तथा प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री बच्चू कडू ने किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए उकसाने वाला बयान दिया है। कडू ने कहा कि दीपावली के मौके पर भी किसानों को दुख का सामना करना पड़ रहा है। किसान आत्महत्या करके मरने के बजाय विधायकों को काट डालें। फिर किसानों पर आत्महत्या करने की नौबत ही नहीं आएगी। कडू ने कहा कि किसानों को आत्महत्या करने के बदले विधायकों के घरों के सामने बिना कपड़े के नग्न बैठना चाहिए। कडू के इस बयान से विवाद पैदा हो गया है। सत्तारूढ़ और विपक्ष के नेताओं ने कडू के बयान की आलोचना की है। दरअसल, कडू ने रविवार को बुलढाणा में किसान अधिकार परिषद को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया था। विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को अमरावती में कडू ने अपने बयान पर सफाई दी। हालांकि वह अपने बयान पर कायम नजर हैं। कडू ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 12 से 13 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। फिर भी राज्य सरकार जाग नहीं रही है। इसलिए मैंने किसानों से कहा कि आत्महत्या करने के बजाय विधायकों को ही काट डालें। प्रतिदिन 12 से 13 किसानों की मौत होने की अपेक्षा एक विधायक को काट डालने में क्या गलत है? कडू ने कहा कि किसानों पर विधायकों को काटने की नौबत आने वाली ही है? क्योंकि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन खरीदने के लिए एक भी खरीद केंद्र शुरू नहीं है। किसानों को महज तीन हजार रुपए में प्रति क्विंटल सोयाबीन बेचना पड़ रहा है। कपास किसानों को भी उचित दाम नहीं मिल पा रहा है।

राजनीति नहीं किसानों के आंसू पोंछने की जरूरत-कृषि मंत्री

प्रदेश के कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय उनके आंसू पोंछने की जरूरत है। हम सभी की मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि बाढ़ प्रभावित किसानों को अधिक से अधिक मदद मिल सके।

कडू खुद क्यों नहीं काटते - शिरसाट

प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि किसान पहले ही मुश्किल में हैं। ऐसी स्थिति में कडू क्यों किसानों को उकसाने का प्रयास कर रहे हैं। कडू खुद ही क्यों नहीं विधायकों को काटते हैं?

रोहित पवार- विधायक (राकांपा-शरद) ने कहा कि कडू ने भावनाओं में बहकर बयान दिया है। लेकिन उन्हें सोच समझकर बयान देना चाहिए। क्योंकि नेताओं का बयान वीडियो और अखबार के जरिए बच्चों तक पहुंचता है। सरकार को घेरने का उनका उद्देश्य अच्छा था। लेकिन उन्होंने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है।


Created On :   20 Oct 2025 8:22 PM IST

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