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नौकरी न मिलने के चलते डीएड से विद्यार्थियों ने फेरा मुंह, 31 हजार सीटों के लिए करीब 14 हजार ही आवेदन
- 31 हजार सीटों के लिए करीब 14 हजार ही आवेदन
- डीएड से विद्यार्थियों ने फेरा मुंह
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नौकरी न मिलने के चलते डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) की पढ़ाई के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या तेजी से कम हो रही है। आवेदन की अवधि बढ़ाए जाने के बावजूद मंगलवार 4 जुलाई को खत्म हुई समय सीमा तक 13 हजार 799 विद्यार्थियों ने ही दाखिले के लिए आवेदन किया है जबकि राज्य में 31 हजार 107 सीटें उपलब्ध हैं। यानी सभी विद्यार्थियों को न सिर्फ दाखिला मिलेगा बल्कि आधी सीटें खाली रह जाएंगी। डीएलएड के दाखिले केंद्रीकृत पद्धति से किए जाते हैं और उपलब्ध सीटों में 70 फीसदी महाराष्ट्र बोर्ड जबकि 30 फीसदी अन्य बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होतीं हैं। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने 13 जून से दाखिले की प्रक्रिया शुरू की है और आवेदन के लिए 4 जुलाई तक की मोहलत दी गई थी अब 7 जुलाई को चेक लिस्ट और 11 जुलाई को पहली मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। टीचर्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के जनार्दन जंगले ने कहा कि अब विद्यार्थियों को डीएड करने का कोई फायदा नहीं दिखता क्योंकि उसके बाद नौकरी ही नहीं है। नौकरी मिली भी तो ठेके पर मिलती है जिसमें 7-8 हजार रुपए तक का वेतन दिया जाता है। डीएड के बाद सीधे नौकरी भी नहीं मिलती विद्यार्थियों की सीईटी की परीक्षा भी पास करनी होती है। राज्य सरकार सीईटी की परीक्षाएं जल्दी लेती ही नहीं है और विद्यार्थी इंतजार करते रह जाते हैं। स्पर्धा परीक्षाओं और भर्ती प्रक्रिया में किस तरह के घोटाले हो रहे हैं यह कुछ महीने पहले ही सामने आया है। ऐसे में डीएड से विद्यार्थियों का मोहभंग हो गया है।
Created On :   5 July 2023 7:25 PM IST