जटिलताओं के बीच जन्म: शादी के 14 साल बाद मिला संतान का सुख, मोटापा की वजह से नहीं बन रही थी मां

शादी के 14 साल बाद मिला संतान का सुख, मोटापा की वजह से नहीं बन रही थी मां
  • कई जटिलताओं के बीच जन्मा बच्चा
  • आंखों में भरे थे खुशी के आंसू

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मोटापे की वजह से कई सारी दिक्कतें होती हैं क्योंकि मोटापा खुद एक रोग है। इसी मोटापे की वजह से एक महिला मां नहीं बन पा रही थी। मोटापे की वजह से अपनी जान की जोखिम को देखते हुए इस महिला ने मां बनने की आस तक छोड़ दी थी। जान की जोखिमों को देखते हुए बीते वर्ष महिला ने बैरियाट्रिक सर्जरी कराकर अपना वजन घटाया था। मोटापा कम होते ही महिला की गोद भर गई। इस महिला ने शादी के 14 साल बाद एक बेटे को जन्म दिया। एक अंतर्राष्ट्रीय बीपीओ में काम करने वाली 33 वर्षीय महिला सिमोरा डिसूजा को शादी के 14 साल हो चुके थे। बचपन से ही सिमोरा मासिक धर्म की अनियमितताओं और मोटापे के साथ हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित थी। इसकी वजह से वह गर्भ धारण नहीं कर पा रही थी। कुछ साल पहले उनका वजन 185 किलोग्राम तक पहुंच गया था। मोटापे की वजह से उनकी जान को खतरा बना हुआ था, ऐसे में उन्होंने संतान की आस तक छोड़ दी थी। जान के जोखिम को देखते हुए उन्होंने बीते वर्ष बैरियाट्रिक सर्जरी कराई थी। इस बैरियाट्रिक सर्जरी के कारण उनका वजन 130 किलो तक पहुंच गया। वजन कम होते ही पिछले वर्ष उन्हें गर्भवती होने की जानकारी डॉक्टर से मिली।

कई जटिलताओं के बीच जन्मा बच्चा

मीरारोड के वॉकहार्ट अस्पताल की ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मंगला पाटिल ने बताया कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को गर्भावस्था के समय कई जटिलताओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि समय से पहले डिलीवरी, गर्भपात, बार-बार गर्भावस्था की हानि, गर्भकालीन मधुमेह, उच्च रक्तचाप और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चे। उच्च जोखिम वाले गर्भधारण में सिजेरियन सेक्शन की उच्च संभावना होती है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखकर सिमोरा का सफल प्रसव कराया गया। सिमोरा ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। बच्चे का वजन 3.2 किलोग्राम था।

आंखों में भरे थे खुशी के आंसू

सिमोरा ने बताया कि हर साल महिला का सपना होता है कि वह मां बने। मोटापे और थायरॉयड समस्याओं के साथ संघर्ष से जूझते हुए शादी के 14 साल बाद, मैंने लगभग उम्मीद छोड़ दी थी।पहली बार बच्चे को गोद में लेने और इस दुनिया में उसका स्वागत करने के बाद मेरी आंखों में खुशी केआंसू थे।

Created On :   1 April 2024 4:23 PM GMT

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