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बिल्डर को 10 दिनों में पीड़िता की बकाया रकम देने के निर्देश
- रकम नहीं चुकाई, तो अग्रिम जमानत होगी कैंसल
- बिल्डर ने अदालत में दो बार हलफनामा देने के बाद भी नहीं चुकाई बकाया रकम
- 10 दिनों में पीड़िता की बकाया रकम देने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को बिल्डर सोहन लाल मोहित जैन को 10 दिनों के अंदर पीड़ित परिवार को उनके बकाया रकम देने का सख्त निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यदि बिल्डर जैन पीड़ित परिवार के बकाया रकम नहीं लैटाए, तो उनकी अग्रिम जमानत याचिका कैंसल हो जाएगी।
न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ के समक्ष गुरुवार को मालाड की रहिवाशी शीतल अरविंद शाह की याचिका पर सुनवाई हुई। उन्होंने पीठ को बताया कि सुविधा गृहनिर्माण प्राइवेट लिमिटेड के मालिक व बिल्डर सोहन लाल मोहित जैन को 12 मई को अदालत में हलफनामा दाखिल कर 30 मई से पहले याचिकाकर्ता के 60 लाख रुपए देने को कहा। 31 मई को दोबारा न्यायमूर्ति श्री राम मधुसूदन मोडर की अवकाशकालीन एकल पीठ के समक्ष हलफनामा दिया कि वह 13 जून तक बकाया पैसा वापस कर देगा। उसने केवल 18 लाख रुपए दिए। बिल्डर जैन पिता और पुत्रों ने याचिकाकर्ता के पूरे पैसे नहीं चुकाए।
पीठ ने बिल्डर के वकील से पूछा कि पूरे पैसे क्यों नहीं दिए? इस पर वकील ने पैसे का इंतजाम नहीं हो पाने की दलील दी, तो अदालत ने कहा कि कोई बहाना नहीं चलेगा। यदि 7 दिनों में पैसे नहीं दिया, तो उनकी अग्रिम जमानत कैंसल कर दी जाएगी। इसके बाद बिल्डर सोहन लाल जैन की वकील ने उससे बात कर अदालत से तीन दिन और समय देने की मांग की। अदालत ने बिल्डर को 10 दिन का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जून को रखी गई है।
बिल्डर सोहन लाल जैन, उनके चार बेटों जितेंद्र, चंद्रेश, मनीष और भरत ने पिछले साल 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर किया था, तो शीतल शाह ने उनकी अग्रिम जमानत का विरोध किया था। उस समय सुनवाई के दौरान जैन बिल्डर पिता और पुत्रों ने अदालत में धोखाधड़ी के शिकार हुए शहा परिवार के 1 करोड़ 12 लाख रुपए लौटाने का हलफनामा दिया था। उसके बाद उन्हें अदालत से अग्रिम जमातन मिल गयी थी।
मालाड की शीतल शाह ने बोइसर में सुविधा बिल्डर के बोइसर स्थित बिल्डिंग में चार फ्लैट बुक किया था। इसके लिए उन्होंने बिल्डर को 1 करोड़ 12 लाख रुपए दिए था। बिल्डर ने उनके चार फ्लैट में से एक फ्लैट किसी और को बेच दिया, तो शाह परिवार ने दूसरे तीन फ्लैट भी लेने के मना कर दिया और बिल्डर से अपने दिए पैसे की मांग की। बिल्डर ने उनके पैसे देने से आनाकानी किया, तो उन्होंने उनके खिलाफ दिंडोशी पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई।
Created On :   15 Jun 2023 10:22 PM IST