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महाराष्ट्र विधानमंडल : मानसून अधिवेशन हंगामेदार रहने के आसार, सोमवार से शुरू होगा सत्र
- किसानों की हालत सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
- मानसून अधिवेशन हंगामेदार रहने के आसार
- सोमवार से शुरू होगा सत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल का सोमवार से शुरू होने वाले मानसून अधिवेशन हंगामेदार रहने के आसार है। राकांपा (अजित गुट) के सरकार में शामिल होने के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार का यह पहला अधिवेशन होगा। 200 से अधिक विधायकों के समर्थन वाली तीन दलों के सरकार के सामने विपक्ष को अपना अस्तित्व दिखाने की चुनौती होगी। शिवसेना के बाद राकांपा में हुए विद्रोह के बाद विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों में विपक्ष का संख्याबल कम हो गया है। हालांकि विपक्ष के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
विपक्ष की बैठक होगी आज, तय करेंगे रणनीति
रविवार को विधानभवन में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के केबिन में विपक्ष के नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में विपक्ष के नेता सरकार को घेरने के लिए रणनीति तय करेंगे। राज्य सरकार ने विपक्ष को रविवार शाम को चायपान के लिए बुलाया है। लेकिन विपक्ष सरकार के चायपान का बहिष्कार कर देगा। मानसून अधिवेशन के दौरान विपक्ष सदन में किसानों, खरीफ फसलों के दुबारा बुवाई के संकट, फसल बीमा, नकली बीज, महिला अत्याचार, कानून- व्यवस्था, शिक्षक भर्ती, अवैध रेत उत्खनन, मुंबई, ठाणे और पुणे सहित अन्य मनपा के भ्रष्टाचार आपदा प्रभावितों को मदद न मिलने, नागपुर- मुंबई समृद्ध महामार्ग पर होने वाले हादसे, बढ़ती महंगाई सहित कई मुद्दों पर शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार को घेरेगा।
दूसरी महानगर पालिकाओं के भ्रष्टाचार की जांच की मांग करेगा उद्धव गुट
शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक सचिन अहिर ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि ईडी ने मुंबई मनपा के कोविड घोटाले की जांच शुरू की है। लेकिन ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, पुणे मनपा भी भ्रष्टाचार हो रहा है। इसलिए इन मुंबई की तरह दूसरे महानगर पालिकाओं के भ्रष्टाचार की जांच की मांग करेंगे। अहिर ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रभावित किसानों को मदद देने के लिए घोषणा की थी। लेकिन अभी तक आपदा प्रभावितों को आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है।
शिक्षकों की भर्ती का मामला उठाएगी कांग्रेस
कांग्रेस विधायक अभिजीत वंजारी ने कहा कि प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने मार्च के बजट अधिवेशन में 30 हजार शिक्षकों के भर्ती का आश्वासन दिया था। लेकिन शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। इसके अलावा जिन स्कूलों को अभी 20 और 40 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है, उन स्कूलों को बढ़ा हुआ सरकार का अनुदान लागू नहीं किया गया है। इसलिए इन दोनों मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा। वंजारी ने कहा कि नागपुर और अमरावती संभाग में लागू नजूल भूमि कानून को रद्द करने की मांग सरकार से करेंगे, क्योंकि नजूल भूमि कानून पूरे राज्य में केवल विदर्भ के दोनों संभागों में लागू है। हम लोग सरकार से झुडपी जंगल से जुड़े कानून को भी रद्द करने की मांग करेंगे, क्योंकि इसके कारण विदर्भ के कई हिस्सा में विकास रुका हुआ है।
हमारी आवाज को कोई बंद नहीं कर सकता
सचिन अहिर, विधायक, शिवसेना (उद्धव गुट) के मुताबिक शिवसेना और राकांपा में टूट के कारण सदन में विपक्ष के विधायकों की संख्या निश्चित रूप से कम हुई है। लेकिन सदन में हमारी आवाज को कोई बंद नहीं सकता है। सदन में विपक्ष अपने अधिकार का इस्तेमाल करेगा।
Created On :   16 July 2023 5:58 PM IST