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मराठा आरक्षण: सरकार को मनोज जरांगे पाटील की चेतावनी तो निकालेंगे ब्रह्मास्त्र, राऊत बोले - कैबिनेट में गैंगवार जैसी स्थिति
- 24 दिसंबर के बाद निकालेंगे ब्रह्मास्त्र
- ओबीसी नेताओं ने 40 साल तक हमारा आरक्षण खाया
- मराठा आरक्षण पर कैबिनेट में ‘गैंगवार जैसी’ स्थितिः राऊत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर आवाज बुलंद करने वाले मनोज जरांगे पाटील ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने हमें फंसाने की कोशिश की तो 24 दिसंबर के बाद ब्रह्मास्त्र निकालेंगे। जरांगे पाटील ने ओबीसी नेताओं पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 40 वर्ष उन्होंने हमारा आरक्षण खाया और यह ओबीसी जनता को भी पता है। पाटील ने 15 नवंबर से राज्य का दौरा करने का ऐलान किया है। यह दौरा 15 नवंबर से शुरू होगा और 23 नवंबर तक चलेगा। मराठा आरक्षण को लेकर हो रही बयानबाजी के बीच जरांगे पाटील ने एक बार फिर दम भरा है। गुरुवार को पाटील ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को मराठा आरक्षण को लेकर फैसला लेने के लिए 24 दिसंबर तक की तारीख दी गई है और यह तारीख नजदीक आ रही है। सरकार आराम से काम न करे। उन्होंने कहा कि वैसे मराठा समुदाय को कुणबी प्रमाण पत्र मिलना शुरू हो गया है। इसलिए राज्य के किसी भी मराठा को आत्महत्या करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पाटील ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार 24 दिसंबर की तारीख को याद रखे नहीं तो फिर हमें अपना ब्रह्मास्त्र निकालना पड़ेगा।
क्या हुआ धनंजय मुंडे का वादा
जरांगे पाटील ने कृषि मंत्री धनंजय मुंडे पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे पिछली बार मेरा अनशन तुड़वाने आये थे तो उन्होंने कहा था कि अगर मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिला तो वह इस्तीफा दे देंगे। मुंडे ने उस समय यह भी कहा था कि 15 दिनों के अंदर मराठा समाज के लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस ले लिया जाएगा, लेकिन सरकार ने अभी तक ऐसा करना शुरू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अगर वे हमें धोखा देते हैं तो फिर मराठों की ताकत उन्हें बताएंगे।
न बढ़ सामाजिक वैमनश्यः फडणवीस
मराठा आरक्षण संबंधी निर्णय लेने के लिए पाटील ने सरकार को 24 दिसंबर तक समय दिया है जबकि सरकार 2 जनवरी की बात कह रही है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मराठा समाज को राज्य सरकार मराठा आरक्षण देने के लिए प्रयासरत है। फडणवीस ने कहा कि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि राज्य में दो समाज एक दूसरे के सामने न आ पाएं इसे ध्यान रखा जाए।
मराठा आरक्षण पर कैबिनेट में ‘गैंगवार जैसी’ स्थितिः राऊत
उधर शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राउत ने दावा किया कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य मंत्रिमंडल में गैंगवार जैसी स्थिति पैदा हो गयी है। राऊत ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शीर्ष पर एक ‘कमजोर’ एवं ‘अस्थिर’ सरकार होने के कारण समाज जातिगत आधार पर विभाजित हो गया है। हालांकि, राज्य के मंत्री शंभुराज देसाई ने राऊत की टिप्पणियों को ‘‘हास्यास्पद’’ बताते हुए खारिज कर दिया और दावा किया कि शिवसेना (उद्धव) नेता केवल अफवाह फैलाना जानते हैं और उनके पास विकास का कोई दृष्टिकोण नहीं है। राऊत ने कहा कि मंत्रियों पर मुख्यमंत्री का जोर नहीं है, जिसके कारण वे एक-दूसरे की नाक में दम कर रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि मंत्री एक-दूसरे को पीट सकते हैं। कैबिनेट में गैंगवार जैसी स्थिति है। राऊत प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों छगन भुजबल और शंभुराज देसाई के बीच हालिया वाकयुद्ध का जिक्र कर रहे थे। ओबीसी नेता भुजबल ने सोमवार को कहा कि ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने के ‘‘पिछले दरवाजे’’ के प्रयासों का विरोध किया जाएगा। बाद में, देसाई ने भुजबल की टिप्पणियों की आलोचना की थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मराठा आरक्षण पर अपने कैबिनेट सहयोगियों द्वारा दिए गए विरोधाभासी बयानों पर नाराजगी जतायी थी और उनसे भावनात्मक मुद्दे पर सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे के समाधान के लिए 24 दिसंबर की समय सीमा दी है और मुंबई को ‘ठप’ करने की धमकी दी है। सांसद राऊत ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने इस धमकी को गंभीरता से नहीं लिया तो महाराष्ट्र की छवि खराब हो जाएगी।
Created On :   9 Nov 2023 10:09 PM IST