रायगड के इर्शालवाड़ी में हुए भूस्खलन का मामला विधानमंडल में उठा

रायगड के इर्शालवाड़ी में हुए भूस्खलन का मामला विधानमंडल में उठा
  • युद्ध स्तर पर चल रहा है राहत और बचाव कार्य- देवेंद्र फडणवीस
  • भूस्खलन का मामला विधानमंडल में उठा

डिजिटल डेस्क, मुंबई. रायगड के इर्शालवाड़ी में हुए भूस्खलन में अभी तक 12 लोगों की मौत हो गई है। एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुईं हैं। अभी भी लोग मलबे में फंसे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे विधानसभा में दुर्घटना की जानकारी देते हुए कहा कि खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों का जाएजा लिया। फडणवीस ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए सिडको ने एक हजार लोगों को भेजा है। इसके आलावा मौके पर हेलीकॉप्टर को भी तैयार रखा गया है ताकि घायलों को जल्द उपचार के लिए मुंबई लाया जा सके। फडणवीस ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुझसे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस घटना से संबंधित जानकारी ली है।

गुरुवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरु हुई तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में इस घटना के बारे में सरकार द्वारा उठाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं। बुधवार की देर रात करीब 11 बजे रायगड के खालापुर तहसील के इर्शालवाडी गांव में भूस्खलन हो गया था जिसमें करीब 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की खबर है।

भूस्खलन की घटना पर विधानसभा में चर्चा के दौरान सभी पार्टी के सदस्यों ने रायगड से लेकर सिंधुदुर्ग तक पहाड़ियों पर रहने वाले लोगों के पुनर्वसन की मांग की। राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यह काफी दुखद है कि ठाणे से लेकर सिंधुदुर्ग तक प्रत्येक साल इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। सरकार को इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए फुलप्रूफ पुनर्वसन योजना लानी होगी।

कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने इस घटना पर कहा कि सरकार को माधवराव गाडगिल समिति की रिपोर्ट को लागू करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि समिति बनाकर उस पर करोड़ों रुपए खर्च करने से अच्छा है कि उस समिति की रिपोर्ट को राज्य में लागू किया जाए ताकि इस तरह के भूस्खलन में हो रही लोगों की जान को बचाया जा सके। पटोले के सवाल पर फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि गाडगिल समिति के अनुसार पश्चिम घाट की मैपिंग हो चुकी है और महाराष्ट्र ऐसा पहला राज्य है जिसने पहाड़ों के बसे सभी गांव की मैपिंग की है, लेकिन इसका प्रस्ताव केंद्र के पास लंबित है। दरअसल माधवराव गाडगिल रिपोर्ट में पश्चिमी घाटों को पर्यावरण हेतू कैसे बचाया जा सकता है इसको लेकर सिफारिश की गई थीं।

शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि वे भी इर्शालवाडी गांव का दौरा कर के आए हैं। सरकार युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि लेकिन वहां पर छोटा रास्ता होने के चलते राहत बचाव कार्यों में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल वहां पर एक बड़ा मेडिकल रूम बनाने की जरुरत है जिसमें घायलों का तत्काल इलाज हो सके।

मुंबई के मालाड से कांग्रेस विधायक असलम शेख ने मुंबई में जर्जर इमारतों का मामला उठाया। असलम ने कहा कि मुंबई में करीब 100 से ज्यादा इमारत में सी-1 श्रेणी की हैं, जिनमें रहने वाले लोगों को तुरंत स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। अगर इन इमारतों में रह रहे लोगों पुनर्वसन नहीं किया गया तो इर्शालवाडी जैसी घटना कभी भी हो सकती है।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधान परिषद में भी इर्शालवाडी गांव में हुए भूस्खलन की जानकारी दी। इसके साथ ही अजित पवार ने आगामी 22 जुलाई को अपने जन्मदिन को इस दुर्घटना के चलते नहीं मनाने का फैसला किया है। अजित ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वह उनके जन्मदिन पर कोई भी तोहफा या फिर होर्डिंग ना लगाएं बल्कि उस पैसे को इर्शालवाडी गांव के पुनर्वसन के लिए दान में दें।

तलिये गांव की तरह हो पहाड़ पर बसे गावों का पुनर्वसन- जितेंद्र आव्हाड

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इर्शालवाड़ी गांव में हुए भूस्खलन पर विधानसभा में चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में जब महाविकास आघाड़ी की सरकार थी तो महाड के तलिये गांव में 22 जुलाई 2021 को हुए भूस्खलन में 87 लोगों की मौत हुई थी। जिसके बाद सरकार ने इस गांव का पुनर्वसन किया था। म्हाडा (कोंकण डिवीजन) ने 271 लोगों के लिए घरों का निर्माण किया था जिस पर 66 करोड़ रुपए का खर्च सरकार ने वहन किया था। आव्हाड ने कहा कि इन घरों का निर्माण वाटर प्रूफ और भूकंपरोधी तकनीक के जरिए किया गया है। कुछ लोगों को इन घरों की चाबी मिल चुकी है जबकि अगले कुछ महीनों में दूसरे लोगों को भी घर मिलेंगे। आव्हाड ने कहा कि सरकार को तलिये गांव की तर्ज पर ही पहाड़ों पर रह रहे लोगों का पुनर्वसन करना चाहिए। जिससे जान माल की हानि से बचा जा सके।

Created On :   20 July 2023 8:39 PM IST

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