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Mumbai News: मानसून के दौरान आपदा से निपटने के लिए महाराष्ट्र में तैनात रहेंगी 38 सैन्य टुकड़ियां

- बरसात में कम से कम जान-माल की हानि हो, ऐसा काम होना चाहिए
- लिंकिंग करके कृषि उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ जीवनावश्यक वस्तु कानून के तहत कार्रवाई होगी - मुख्यमंत्री
- नकली बीज को रोकने साथी पोर्टल
Mumbai News. मानसून के दौरान किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए महाराष्ट्र प्रशासन पूरी तरह तैयार है। सभी विभागों ने इस दिशा में उपयुक्त तैयारी कर ली है। इस बार मानसून के दौरान जान-माल की न्यूनतम हानि हो, इस उद्देश्य से सभी को कार्य करना चाहिए। आपदा के समय सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी से मुख्यालय से संपर्क में रहते हुए 24 घंटे, शनिवार और रविवार को भी सतर्क रहकर कार्य करना होगा। मानसून पूर्व तैयारी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह बात कही। मानसून के दौरान राज्य भर में 38 सैन्य टुकड़ियां तैनात रहेंगी। चेतक और नौसेना के हेलिकॉप्टर भी तैयार रहेंगे। नौसेना और बीएमसी के बीच हॉटलाइन स्थापित की गई है। भारतीय वायुसेना, कोस्ट गार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रेलवे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, जेएनपीटी, ऊर्जा विभाग, मुंबई महानगरपालिका और मुंबई पुलिस को आपस में समन्वय रखने को कहा गया है। मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कहा कि आपदा प्रबंधन हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देना अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसके लिए सही कार्यप्रणाली अपनाई जानी चाहिए। पश्चिम महाराष्ट्र में इस वर्ष 110 से 119 प्रतिशत बारिश का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए सांगली और कोल्हापुर नगरपालिकाओं को विशेष तैयारी करने के आदेश दिए गए हैं। राज्य की सभी महानगरपालिकाओं को फ्लैश फ्लड जैसी आपदाओं से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करनी होगी। मुंबई में कुल 249 भूस्खलन पॉइंट हैं, जिनके लिए सभी संबंधित एजेंसियों को तुरंत उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा के दौरान बचाव कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों की मॉक ड्रिल कराने को कहा गया है। जिन क्षेत्रों में भूस्खलन या बाढ़ के कारण संपर्क टूट सकता है, वहां पहले से ही अतिरिक्त राशन स्टॉक किया जाए और उन क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को आपदा आने से पूर्व ही सुरक्षित स्थानों या अस्पतालों में स्थानांतरित करने को कहा गया है
लिंकिंग करके कृषि उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ जीवनावश्यक वस्तु कानून के तहत कार्रवाई होगी - मुख्यमंत्री
उधर प्रदेश में खाद के साथ अन्य कृषि उत्पाद को लिंकिंग करके बेचने वालों के खिलाफ जीवनावश्यक वस्तु कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बारे में सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि किसानों की ओर से लगातार लिंकिंग की शिकायतें मिलती हैं। इसलिए राज्य के प्रत्येक कृषि केंद्र के बाहर लिंकिंग की शिकायत के संबंध में बोर्ड लगाया जाएगा। जिसमें शिकायत के लिए फोन नंबर दिया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि कई कृषि केंद्रों का कहना है कि कंपनियों की ओर से लिंकिंग करके कृषि उत्पाद बेचने के लिए दबाव डाला जाता है। इसके मद्देनजर ऐसी कंपनियों के खिलाफ अब जीवनावश्यक वस्तु कानून अथवा उससे संबंधित अन्य कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में कृषि विभाग की ओर से राज्यस्तरीय खरीफ सीजन तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक हुई। इसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, राज्य के जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन, प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री आशीष जयस्वाल समेत अन्य अफसर मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग ने इस मानसून में औसत की तुलना में ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। इससे खरीफ फसल सीजन में अच्छी बुवाई और उत्पादन होने की उम्मीद है। राज्य में अब हर साल 500 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक तहसील में डिजिटल खेती स्कूल का आयोजन किया जाएगा। इससे किसान फसलों की बुवाई, कीट प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति ने बैंकों द्वारा कृषि फसल देने के लिए किसानों से सिबिल नहीं मांगने का आश्वासन दिया है। इसलिए सरकार की बैंकों पर नजर है। फडणवीस ने कहा कि राज्य में एग्रीस्टैक योजना के तहत किसानों का किसान पहचान पत्र क्रमांक (फार्मर आईडी) उपलब्ध है। इसलिए फसलों का नुकसान होने पर डिजिटल पंचनामा करने का प्रयास किया जाएगा।
महाविस्तार एप लॉच
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग ने महाविस्तार एप लॉच किया है। इस एप को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के सहयोग से तैयार किया है। इस एप कृषि से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध है। इस एप पर मराठी भाषा में चैटबॉट उपलब्ध है। जिसमें किसान मराठी भाषा में खेती से संबंधित कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। जिसका जवाब किसानों को मिल सकेगा। आगामी समय में इस चैटबॉट को वाट्सऐप पर भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
नकली बीज को रोकने साथी पोर्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथी पोर्टल पर बीज के पंजीयन का नियम बनाया है। इससे पता चल सकेगा कि बीज का उत्पादन कहां पर हुआ है। साथ ही नकली बीज के इस्तेमाल को रोका जा सकेगा। साथी पोर्टल पर अभी तक 70 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध है। इसलिए किसानों को साथी पोर्टल पर से ही प्रमाणित बीज खरीदना चाहिए।
Created On :   21 May 2025 10:22 PM IST