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Mumbai News: 17 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले 66 वर्षीय डॉक्टर को दोषी ठहराया

- वारदात सीसीटीवी कैमरे में हुई थी कैद
- डॉक्टर पर मार्च 2018 में घाटकोपर स्थित अपनी डिस्पेंसरी के स्टोर रूम में नाबालिग से छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने का आरोप
Mumbai News. यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की विशेष अदालत ने 17 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले 66 वर्षीय डॉक्टर को दोषी ठहराया है। डॉक्टर पर मार्च 2018 में घाटकोपर स्थित अपने गोदाम में उसके लिए अंशकालिक काम करने वाली नाबालिग से छेड़छाड़ और जबरदस्ती करने का आरोप है। उस समय वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी।
विशेष न्यायाधीश माधुर देशपांडे ने व्यक्ति को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराते हुए कहा कि बाल यौन शोषण के मामले आरोपी की अमानवीय मानसिकता को दर्शाता है। बच्चे अपनी कम उम्र, शारीरिक कमजोरियों, जीवन और समाज के अनुभव की कमी के कारण आसान शिकार होते हैं। आरोपी ने 17 साल की नाबालिग के साथ छेड़छाड़ और जबरदस्ती अपनी डिस्पेंसरी के स्टोर रूम में किया था। इसका पीड़िता, उसके परिवार के सदस्यों और समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने 12 की परीक्षा दी थी और वह कंप्यूटर क्लास में जाना चाहती थी। इसके लिए वह अपने मामा के पास रहने आई थी। उसने आरोपी की दुकान पर काम करना भी शुरू कर दिया। पीड़िता की ड्यूटी सुबह 9 बजे से शाम 6.30 बजे तक होती थी। वह आरोपी के घर से चाबी लेकर डिस्पेंसरी खोलती थी।
22 मार्च 2018 को उसे बताया गया कि आरोपी डिस्पेंसरी के स्टोर रूम में है और चाबियां उसके पास हैं। जब वह वहां चाबी लेने गयी, तो आरोपी ने उसे दरवाजा बंद करने के लिए कहा और बाद में उसे गले लगाया और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा। उसने उसे धक्का दिया और उसके चंगुल से निकल कर भागी और अपने मामा को आप बीती बताई। उसके मामा ने घाटकोपर पुलिस में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने आरोपी को 23 मार्च 2018 को गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष ने डिस्पेंसरी के स्टोर रूम से सीसीटीवी फुटेज बरामद किया, जो आरोपी को दोषी ठहराने में अहम सबूत साबित हुआ। अदालत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज ने पीड़िता के बयान की पुष्टि की।
Created On :   16 March 2025 9:19 PM IST