Mumbai News: बिजली कंपनियों से बेची जाने वाली बिजली पर लागू होगा अतिरिक्त बिक्री कर, बनेगा महाजियोटेक महामंडल

बिजली कंपनियों से बेची जाने वाली बिजली पर लागू होगा अतिरिक्त बिक्री कर, बनेगा महाजियोटेक महामंडल
  • राज्य में बनेगा महाजियोटेक महामंडल
  • बिजली कंपनियों से बेची जाने वाली बिजली पर लागू होगा अतिरिक्त बिक्री कर

Mumbai News. प्रदेश में बिजली कंपनियों की ओर से बेची जाने वाली विद्युत पर अतिरिक्त बिजली बिक्री कर लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। बिजली के लिए अभी विभिन्न श्रेणी के ग्राहकों से प्रत्येक यूनिट 11.04 पैसे बिक्री कर वसूला जाता था। जिसमें अब प्रति यूनिट 9.90 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। अब 20.94 पैसे अतिरिक्त बिक्री कर वसूल की जाएगा। इससे प्रधानमंत्री कुसूम घटक-ब योजना के लिए निधि उपलब्ध होगी। इसके जरिए राज्य के कृषि पंपों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध होगी। किसानों को दिन के समय में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। राज्य के शहरी इलाकों में रिलायन्स एनर्जी, टाटा पॉवर व बेस्ट कंपनी के औद्योगिक, वाणिज्यिक व अन्य समूह के ग्राहकों और महावितरण कंपनी के शहरी इलाकों के औद्योगिक व वाणिज्यिक ग्राहकों और राज्य के अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक व वाणिज्यिक ग्राहकों से अतिरिक्त बिजली बिक्री वसूला जाता है। राज्य में कुसूम योजना के तहत 6.30 लाख सौर कृषि पंप लगाए जा रहे हैं। अभी तक 4 लाख 23 हजार से अधिक सौर कृषि पंप स्थापित कर दिया गया है। इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निधि की आवश्यकता थी। इससे बिजली कंपनियों की ओर से बेची जाने वाली बिजली पर प्रति यूनिट अतिरिक्त बिजली बिक्री कर लागू करने का फैसला लिया गया है।

राज्य में बनेगा महाजियोटेक महामंडल

राज्य मंत्रिमंडल ने महाजियोटेक महामंडल स्थापित करने का फैसला लिया है। इस महामंडल को कंपनी कानून के तहत स्थापित किया जाएगा। इस महामंडल के लिए 25 करोड़ रुपए खर्च के प्रावधान को मान्यता दी गई है। महामंडल में 106 पदों को सृजित करने को मंजूरी दी गई है। नागपुर स्थित महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर का अस्तित्व कायम रखते हुए महाजियोटेक महामंडल बनाया जाएगा। महाजियोटेक महामंडल के मुख्य कार्यालय के लिए वडाला स्थित जीएसटी भवन में लगभग पांच हजार वर्ग फुट जगह आरक्षित रखी जाएगी। जीएसटी भवन का निर्माण कार्य पूरा होने तक दक्षिण मुंबई में महाजियोटेक महामंडल के कार्यालय के लिए किराए पर जगह ली जाएगी। साल 1988 में रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर स्थापित हुआ है। इसके जरिए ई- पंचनामा, महाएग्री टेक, मैंग्रोव अध्ययन भूजल प्रबंधन, खनिज और खान आदि का अध्ययन किया जाता है। अब भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए महाजियोटेक महामंडल बनाने का फैसला लिया गया है।

Created On :   30 Sept 2025 9:10 PM IST

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