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बॉम्बे हाई कोर्ट: डोंबिवली के खुले मैनहोल में 13 वर्षीय बच्चा बहने के मामले में अदालत से शीघ्र सुनवाई का आग्रह

- रास्तों के मैनहोल सुरक्षा मामले में शीघ्र सुनवाई का आग्रह
- 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट से मंगलवार को रास्तों के खुले मैनहोल से सुरक्षा के मामले में दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया गया। वकील रुजू ठक्कर ने अदालत में रविवार को डोंबिवली मैनहोल के खुले होने से नाले में 13 वर्षीय बच्चे के बहने का उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि न्यायिक निर्देशों के बावजूद, महानगर पालिकाओं की लापरवाही के कारण लोगों की जान जा रही है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश पाटिल की पीठ ने कहा कि हम 6 अक्टूबर को रास्तों पर गड्ढों के मामले में सुनवाई करेंगे। पीठ ने इस दौरान वकील रुजू ठक्कर को मैनहोल के मुद्दा को रखने को कहा। 28 सितंबर की रात करीब 10.30 बजे छात्र दोस्तों के साथ डोंबिवली में दावाचीपाड़ा के भारत भोईर नाले के पास खेल रहा था, तभी वह एक खुले मैनहोल में गिर गया। कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) की दमकल कर्मियों ने खोजबीन शुरू की। एक घंटे बाद उसका शव बरामद हुआ। छात्र की पहचान स्वामी विवेकानंद स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र आयुष कदम के रूप में हुई है।
इस घटना के बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और निवासियों ने केडीएमसी पर लापरवाही का आरोप लगाया। हालांकि केडीएमसी अधिकारियों ने दावा किया कि नाला और आसपास की सड़क मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अधिकार क्षेत्र में आती है, जो इलाके में मरम्मत का काम कर रहा था।
इस मामले ने 2017 में बॉम्बे अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. दीपक अमरापुरकर की मौत की यादें ताजा कर दी हैं, जो प्रभादेवी में बाढ़ के दौरान एक खुले मैनहोल में बह गए थे। उस त्रासदी के बाद हाई कोर्ट ने महानगर पालिकाओं को मैनहोल में सुरक्षात्मक ग्रिल लगाने का निर्देश दिया था। मुंबई महानगरपालिका(बीएमसी) ने तो आदेश का पालन किया, लेकिन केडीएमसी समेत अन्य महानगर पालिकाएं आदेश का पालन करने में विफल रहे।
Created On :   30 Sept 2025 8:40 PM IST