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Mumbai News: होम्योपैथिक डॉक्टरों के खिलाफ हुए एलोपैथी डॉक्टर, एमएमपी के रूप में मान्यता देने पर आंदोलन की चेतावनी

- एमएमपी के रूप में मान्यता देने पर आईएमए की आंदोलन की चेतावनी
- आंदोलन की चेतावनी दे रहे डॉक्टर
Mumbai News. एलोपैथी की प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों ने होम्योपैथिक डॉक्टरों को ‘आधुनिक चिकित्सा व्यवसाई' (एमएमपी) के रूप में मान्यता देने के राज्य सरकार के निर्णय का विरोध किया है। इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईएमए) का कहना है कि इन होम्योपैथिक डॉक्टरों को एमएमपी के रूप में मान्यता देकर इन्हें महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत करने का सरकार का निर्णय अनुचित और खतरनाक है।
महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश लागू करते हुए 15 जुलाई 2025 से ‘फार्माकोलॉजी' विषय में एक वर्षीय ब्रिज कोर्स (सीसीएमपी) पूरा करने वाले होम्योपैथी (बीएचएमएस) डॉक्टरों को महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के एक अलग रजिस्टर में पंजीकृत करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का कड़ा विरोध किया जा रहा है। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम का कहना है कि यह निर्णय अत्यंत खतरनाक है और सीधे तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालता है। इस निर्णय के खिलाफ आईएमए ने फरवरी में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। मामला अभी भी अदालत में लंबित है, इसी बीच सरकार का 15 जुलाई 2025 से लागू नया आदेश न्यायालय की अवमानना को दर्शाता है।
सीसीएमपी कोर्स क्या है?
यह होम्योपैथिक डॉक्टरों के लिए बनाया गया एक वर्षीय ब्रिज कोर्स है। यह पाठ्यक्रम औषध विज्ञान और चिकित्सा का बहुत सीमित मात्रा में बुनियादी ज्ञान प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम किसी भी तरह से औसत 5.5 वर्ष के एमबीबीएस पाठ्यक्रम के समतुल्य नहीं है। एलोपैथी डॉक्टरों का दावा है कि यदि ऐसे डॉक्टर को एमएमपी के रूप में मान्यता दी जाती है, तो आपात स्थितियों में गलत दवा, गलत निदान, सर्जरी में लापरवाही आदि के कारण रोगी की मृत्यु हो सकती है।
आंदोलन की चेतावनी
राज्य सरकार के इस निर्णय की आईएमए ने कड़ी निंदा की है। उनकी ओर से कहा गया है कि सरकार की इस नीति के विरोध में आईएमए की राज्य में सभी शाखाओं में जल्द ही आंदोलन शुरू किया जाएगा।
Created On :   2 July 2025 8:36 PM IST