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Mumbai News: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अनमोल बिश्नोई को क्राइम ब्रांच ने बनाया आरोपी
- अनमोल बिश्नोई के साथ शुभम लोनकर और जीशान अख्तर वांटेड आरोपी
- क्राइम ब्रांच ने पूरे केस पर लगाया मकोका
Mumbai News 12 अक्टूबर को हुए एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने आखिरकार साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को आधिकारिक तौर पर आरोपी बनाया है। अनमोल बिश्नोई को इस मामले में आरोपी बनाते हुए क्राइम ब्रांच ने पूरे केस पर मकोका लगाया है। इस मामले में अब तक गिरफ्तार 26 आरोपियों और तीन वांटेड आरोपियों के खिलाफ अब मकोका के तहत केस आगे चलेगा। इस मामले में मकोका लगाते हुए क्राइम ब्रांच ने जिन तीन आरोपियों को वांटेड बताया है,उसमें अनमोल बिश्नोई, शुभम लोनकर और जीशान अख्तर शामिल हैं। इस मामले में अब तक गिरफ्तार 26 आरोपियों में से कुछ की गिरफ़्तारी महाराष्ट्र से, कुछ की यूपी से, कुछ की पंजाब और हरियाणा से हुई है।
इस मामले में क्राइम ब्रांच मकोका लगाने से पहले तक अनमोल बिश्नोई को आधिकारिक तौर पर आरोपी नहीं बनाया था। यहाँ तक आरोपी सुजीत सिंह की गिरफ़्तारी के बाद क्राइम ब्रांच ने पहले आधिकारिक तौर रिमांड कॉपी में अनमोल का नाम डाला तो था,लेकिन बाद में नाम को हटा दिया था। ऐसा करने के पीछे क्या वजह थी, इसका जवाब क्राइम ब्रांच ने नहीं दिया था। अब इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मकोका तब लगाया जब पुलिस को इस हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की भूमिका का पता चला और उससे जुड़े सबूत मिले। बाबा की हत्या में क्राइम ब्रांच ने अनमोल को मुख्य मास्टरमाइंड बताया है।
अनमोल ने इस मामले में गिरफ्तार कई आरोपियों से स्नैपचैट के जरिये न सिर्फ बात की थी,बल्कि हथियारों का व्यवस्था भी कराई थी। अनमोल के कहने पर ही बाबा की हत्या की साज़िश रचने की शुरुआत हुई थी। इस मामले में अनमोल ने सभी आरोपियों को अलग अलग स्रोतों से पैसे भिजवाए थे। शुभम लोनकर लगातार अनमोल के संपर्क में था। बता दें कि इसके पहले मुंबई क्राइम ब्रांच ने सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग के आरोपियों पर भी मकोका लगाया था। इस मामले में भी अनमोल बिश्नोई और उसका भाई लॉरेंस बिश्नोई आरोपी हैं।
क्या है मकोका : महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ट क्राइम एक्ट यानी कि मकोका जिसे महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में बनाया था। इसका उद्देश्य राज्य से संगठित अपराध को रोकना और साथ अपराध से निपटने के लिए विशेष प्रावधान करना है। यह कानून दिल्ली में भी लागू है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2002 में इसे राष्ट्रीय राजधानी में लागू कर दिया था। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मकोका के तहत पुलिस के सामने दिए गए बयान अदालत में सबूत के रूप में स्वीकार्य हैं। मकोका के तहत जमानत मिलना भी बहुत मुश्किल होता है।
Created On :   30 Nov 2024 7:49 PM IST